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    भारत की अर्थव्यवस्था indian economy in hindi

    आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था 2025 तक सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। उस समय तक भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़कर 5 ट्रिलियन डॉलर हो जायेगी।

    बाहरी विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में भारत में जो आर्थिक फैसले लिए गए हैं, उनका असर आने वाले सालों में देखने को मिलेगा। इससे देश के जीडीपी (सकल घरेलु उत्पाद) में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।

    इस विषय में भारत के आर्थिक सलाहकार सुभाष चन्द्र गर्ग का कहना है,

    “भारत विश्व में आने वाले समय में भी सबसे तेजी से बढती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। साल 2018 में भारत 7.4 फीसदी की तेजी से आगे बढ़ेगा।”

    उन्होनें यह बात विश्व बैंक की 97वी बैठक के दौरा कही, जो शनिवार को वाशिंगटन में हुई थी।

    उन्होनें आगे यह भी कहा कि भारत दक्षिण एशियाई देशों में विकास के मार्ग में अव्वल रहेगा।

    इस बारे में उन्होनें कहा, “पिछले कुछ सालों में भारत नें देश को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कई कड़े फैसले लिए हैं।” उन्होनें कहा कि देश पिछले 4 सालों से 7.2% की दर से विकास कर रहा है और इस दर पर कायम है।

    उन्होनें आगे कहा, “भारत की जीडीपी वित्तीय वर्ष 2025 तक बढ़कर 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच जायेगी। यह देश में हो रहे डिजिटल क्रांति, भूमंडलीकरण और अन्य फैसलों के कारण संभव हो पाया है।”

    उन्होनें विश्व बैंक को आगे बताया, “जीएसटी, बैंकों का पुनर्पूंजीकरण, बैंक दिवालिया कानून जैसे फैसलों का आने वाले समय में अच्छा असर देखने को मिलेगा।”

    सुभाष गर्ग इस समय अमेरिका में विश्व बैंक द्वारा आयोजित बैठक में भारत का नेत्रत्व कर रहे हैं। उन्हें यह जिम्मेदारी अरुण जेटली की अनुपस्थिति में मिली है।

    उन्होंने कहा कि भारत अपने आर्थिक विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर यानी निर्माण कार्य पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। उन्होनें बताया कि विभिन्न आर्थिक कार्यों से पैसे को निर्माण कार्य में डाला जा रहा है, जिससे इसपर तेजी से काम किया जा सके।

    उन्होनें इस दौरान भारत में हो रही डिजिटल क्रांति के बारे में भी जिक्र किया। उन्होनें कहा,

    “भारत नेट योजना के अंतर्गत देश में करीबन 1 लाख ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा रहा है, जिससे पिछड़े इलाकों में इन्टरनेट की सुविधा पहुंचाई जा सके।”

    उन्होनें कहा कि इस योजना के तहत देश के करीबन 20 करोड़ लोगों तक इंटरनेट पहुंचेगा।

    गर्ग नें यह भी बताया कि सरकार की कोशिश है कि देशभर में करीबन 5 लाख वाई-फाई लगाये जाएँ, जिससे करीबन 5 करोड़ लोगों को मुफ्त इंटरनेट मुहैया कराया जा सकेगा।

    गर्ग नें विश्व बैंक को यह भी बताया कि भारत के आर्थिक विकास का कारण तेजी से लिए गए आर्थिक फैसले हैं।

    उन्होनें जीएसटी की काफी प्रशंसा की। इस बारे में उन्होनें कहा, जुलाई 2017 में जीएसटी आरम्भ करने के बाद इतने कम समय में ही प्रति माह कमाई 12.7 अरब डॉलर पहुँच गयी है।

    जीएसटी के बारे में उन्होनें आगे कहा कि इसे लागू करने से पहले देशभर में बहुत कम व्यापारी टैक्स के अंतर्गत आते थे। इसे लागू करने के बाद इस संख्या में 40 लाख नए व्यापारी जुड़ गए हैं, जो पहले के मुकाबले 60 फीसदी ज्यादा है।

    आपको बता दें कि पिछले साल भारत ‘ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस’ यानी बिजनेस करने में आसानी वाले देशों में 142वे स्थान से बढ़कर 100वे स्थान पर पहुँच गया था। इसे भी भारत के आर्थिक विकास के लिए बेहतर कदम बताया जा रहा है।

    इसी कारण से हाल ही में विदेश निवेश भारत में काफी ज्यादा देखने को मिला है।

    साल 2012-13 में भारत में आने वाला विदेशी निवेश 34.3 डॉलर था, जो साल 2016-17 में बढ़कर 60.1 बिलियन डॉलर हो गया है।

    इसके अलावा देश में छोटे व्यापारियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नें जन धन योजना की शुरुआत की थी, जिससे छोटे व्यापारियों को कम मुनाफे पर कर्ज दिया जा रहा है।

    सुभाष गर्ग नें बताया कि जन धन योजना के तहत सरकार नें अब तक 31 करोड़ बैंक के खाते खोले हैं, जिनमें करीबन 11.5 अरब डॉलर का लेन-देन हो चुका है।

    छोटे व्यापरियों को कर्जा देने के लिए सरकार नें मुद्रा योजना की शुरुआत की थी, जिससे अब तक 11 करोड़ व्यापारियों को कर्ज दिए गए हैं।

    उन्होनें इस बैठक में भारत की साफ़ ऊर्जा के क्षेत्र में काम का भी जिक्र किया। उन्होनें बताया कि भारत साल 2030 तक पुरे देश में बनने वाली ऊर्जा का 40 फीसदी हिस्सा साफ़ ऊर्जा से बनाना चाहता है।

    क्या कहा विश्व बैंक नें?

    इस दौरान विश्व बैंक नें भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर कई सुझाव दिए।

    विश्व बैंक के उपाध्यक्ष केन कांग नें कहा कि भारत को अधिक से अधिक महिलाओं को काम काज में शामिल करना होगा।

    जाहिर है भारत में लगभग आदि आबादी महिलाओं की है। इसके बावजूद देश की काम-काजी लोगों में महिलाओं की हिस्सेदारी काफी कम है।

    उन्होनें कहा, “हाल ही के समय में भारत नें आर्थिक जगत में काफी अहम् फैसले लिए हैं। ये फैसले देश के लिए काफी अहम् हैं।”

    उन्होनें इन फैसलों के बारे में कहा, “पहला, भारत को महिलाओं को देश के विकास में हिस्सेदार बनाना होगा। इसी के साथ भारत को लेबर नियमों में भी बदलाव करने की जरूरत है।”

    कांग नें आगे जीएसटी के बारे में कहा कि जीएसटी का फैसला भी देश के लिए काफी अहम् है।

    बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के बारे में उन्होनें कहा, “सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण का फैसला भारत की बैंक प्रणाली को मजबूत बनाएगा।”

    इसके अलावा हाल ही में लागु किये गए दिवालिया कानून का भी जिक्र किया गया। उन्होनें कहा कि इस फैसले से बैंकों में पारदर्शिता बढ़ेगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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