नीति आयोग ने हाल ही में आर्थिक सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए हैं जिनसे यह 2023 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को 4 ख़राब डॉलर की बनाने का लक्ष्य कर रहा है। इन सुझावों को ‘स्ट्रेटेजी फॉर न्यू इंडिया @75’ दिया गया है। इसे केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली एवं नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने पेश किया है।
क्या क्या सुझाव हैं ‘स्ट्रेटेजी फॉर न्यू इंडिया @75’ में :
कर में बढ़ावा एवं रेल संपत्ति का निजीकरण
यह राष्ट्रीय आय में करों के हिस्से को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशाग्त करने की बात कह रहा है। इसके तहत इंधन एवं बिजली को माल एवं सेवा कर में शामिल करना है। यह हवाई अड्डों एवं फ्रेट टर्मिनल, इंजन एवं रोलिंग स्टॉक जैसी प्रमुख रेल सम्पतियों के निजीकरण का प्रस्ताव दे रहा है।
वृद्धि दर की वृद्धि
यदि भारत की अर्थव्यवस्था को आने वाली पांच सालों में 4 ख़राब डॉलर्स का बनाना है तो हमें वृद्धि दर को 8 प्रतिशत पर रखना होगा जिससे यह 2023 तक सद्रढ़ होकर 9 से 10 प्रतिशत तक पहुँच जायेगी। यदि ऐसा होता है तो हमारी अर्थव्यवस्था को कोई 4 ख़राब डॉलर्स तक पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता है।
36 प्रतिशत निवेश दर की आवश्यकता
इस रणनीति के अनुसार हमें 36 प्रतिशत निवेश दर रखनी होगी। लेकिन यदि बैंकिंग सेक्टर इस गड़बड़ी में रहेगा तो हम इस मुकाम को हासिल नहीं कर पायेंगे। बैंकिंग सेक्टर का ऐसा हाल इस वजह से हुआ है की जब पूँजी निर्माण दर 36 प्रतिशत था तब इसने बुनियादी ढाँचे एवं उद्योगों के लिए बहुत बड़ा उधार दिया था।
इसलिए यह दर हमें धीरे धीरे हासिल करनी होगी क्योंकि एक दम से ऐसा होना बहुत कठिन है। इसके साथ ही अगले 5 सालो में निवेश दर का 36 प्रतिशत तक पहुँचने में बैंकिंग सेक्टर को कोई नुक्सान नहीं पहुंचना चाहिए।
माल एवं सेवाओं का निर्यात बढ़ाना
वित्त वर्ष 2018 में माल एवं सेवाओं का निर्यात 478 मिलियन डोलर से बढाकर वित्त वर्ष 2023 में यह लगभग 800 मिलियन डोलर का हो एवं इसके साथ ही कारोबारी माहोल में सुधार एवं श्रम नियमों का आसान होना भी इस रणनीति का हिस्सा हैं।