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    अमिताभ कांत

    पीयूष गोयल द्वारा शुक्रवार को अंतरिम बजट की घोषणा की गयी। इसमें उन्होंने भारत की अगली 10 वर्षों की योजनाओं के बारे में बताया।

    जिस तरह प्रगतिशील और अग्रगामी स्वर की स्थापना करते हुए, बजट पेश किया गया, इससे हमें यह विश्वास हो गया है की भारत जल्द ही 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। लेकिन यह भी कि अर्थव्यवस्था के लिए 10-सूत्रीय दृष्टि के रूप में क्या होता है। छोटी अवधि के लिए, बजट ने कृषि और विशेष रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के योगदान को बढ़ाने के लिए बहुत से सुधारों का प्रस्ताव दिया।

    इन योजनाओं का बढ़ाया गया आवंटन :

    गोयल ने अपने बजट भाषण में यह भी कहा कि 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए जो भारत बनने की इच्छा रखता है, भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। आयात में कटौती के लिए, उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ईंधन पर तनाव दिया गया है और भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से परिवहन क्रांति के माध्यम से दुनिया का नेतृत्व करेगा। 

    इसके चलते लोगों के जीवन के स्तर में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना में पिछले साल के 15,500 करोड़ से इस साल 19000 करोड़ आवंटित किये गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों का निर्माण प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तीन गुना हो गया है। पीएमजीएसवाई के तहत कुल 17.84 लाख बस्तियों में से 15.8 लाख पक्की सड़कों से जुड़ गई हैं।

    भारत के लिए है यह परिकल्पना :

    गोयल ने कहा कि सरकार ने 2030 में 10 सर्वाधिक महत्वपूर्ण आयामों को सूचीबद्ध करते हुए अगले दशक के लिए अपनी परिकल्पना पेश की है। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे भारत का निर्माण करेंगे, जहां गरीबी, कुपोषण, गंदगी और निरक्षरता बीते समय की बातें होंगी। भारत एक आधुनिक, प्रौद्योगिक से संचालित, उच्च विकास के साथ एक समान और पारदर्शी समाज होगा।

    खादान्न निर्यात में आत्मनिर्भर बनना भी लक्ष्य :

    उन्होंने कहा कि सर्वाधिक जैविक तरीके से खाद्यान्न उत्पादन और खाद्यान्न निर्यात में भारत को आत्म निर्भर बनाना और विश्व की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खाद्यान्नों का निर्यात करने की परिकल्पना है। इसके तहत 2030 तक स्वस्थ भारत और एक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल एवं व्यापक आरोग्यकर प्रणाली के साथ-साथ आयुष्मान भारत और महिला सहभागिता भी इसका एक महत्वपूर्ण घटक होगा।

    उन्होंने कहा, ‘भारत को न्यूनतम सरकार, अधिकतम अभिशासन वाले एक ऐसे राष्ट्र का रूप देना जहां एक चुनी हुई सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले सहकर्मियों और अधिकारियों के अभिशासन को मूर्त रूप दिया जा सकता है।’

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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