भारत के प्रधानमन्त्री अर्जेंटीना में जी-20 के सम्मलेन में शरीक होने के लिए गए थे। इस वर्ष एर्जेंटिना में इस सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है। भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एर्जेंटिना और भारत के मध्य लम्बी दूरी में योग के पुल की भाँती कार्य करेगा। दोनों राष्ट्रों के लोगों को जोड़ेगा।
योग समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह अभ्यास भारत की तरफ से विश्व को शांति और स्वास्थ्य के लिए एह तोहफा है। पीएम मोदी ने हिंदी भाषा में कहा कि 15 हज़ार किलोमीटर की दूरी 24 घंटे का सफ़र तय करने बाद मैं यहाँ पहुंचा हूं। और आपके उत्साह और प्रेम के कारण मुझे यह एहसास नहीं हो रहा कि मैं भारत से बाहर हूं।
‘योग फॉर पीस’ समारोह के आयोजनकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि एक बेहतर नाम के बारे में सोचना काफी दिक्कतों भरा होता है। उन्होंने कहा कि योग आपके शरीर और दिमाग को दुरुस्त बनाये रखता है। उन्होंने कहा कि यह आपके शरीर को मज़बूत और दिमाग को शांत बनाता है।
प्रधानमन्त्री ने कहा कि अगर दिमाग में शांति रहती है तो परिवार, समाज और देश यहाँ तक की दुनिया में भी शांति का बोलबाला होता है। उन्होंने कहा कि योग भारत की तरफ से स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती और शांति के लिए एक तोहफा है। योग भारत और एर्जेंटिना के बीच मीलों की दूरी में पुल का काम करेगा। उन्होंने कहा कि एर्जेंटिना को भारतीय नृत्य, कला और संगीत में खासी दिलचस्पी है, ऐसे ही भारत में एर्जेंटिना की फुटबॉल खिलाडियों के लाखों प्रशंसक हैं। उन्होंने कहा कि माराडोना हमारी रोजाना की वार्ता का सामान्य मुद्दा होता है।
ओडिशा में आयोजित हॉकी विश्व कप में एर्जेंटिना की टीम के पहला मैच जीतने की ख़ुशी में पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि एर्जेंटिना के जी-20 सम्मेलन की मेजबानी करने पर हमें गर्व और ख़ुशी है। नवम्बर के आखिरी वक्त में बूएनोस में जी-20 सम्मेलन का आयोजन होगा। इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और जापान के प्रधानमंत्री शिन्जों अबे त्रिपक्षीय मुलाकात करेंगे। एर्जेंटिना में आयोजित आगामी जी-20 की बैठक के इतर भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और रुसी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे।
पीएम मोदी चीन राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि 10 वर्षों में जी-20 ने स्थिर और सतत वैश्विक वृद्धि को कायम रखा है। इसका मकसद विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के लिए सार्थक है, मसलन भारत जो आज विश्व की सबसे तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है।