भारत और अमेरिका के व्यापार अधिकारीयों के बीच शुक्रवार को व्यापार मतभेदों को खत्म करने के लिए वार्ता की शुरुआत की जाएगी। अमेरिका के नेतृत्व का प्रतिनिधित्व भारत में यूएसटीआर के सचिव क्रिस्टोफर विल्सन कल नई दिल्ली पंहुच गए थे।
इस प्रतिनिधि समूह में यूएसटीआर के डिप्टी सचिव ब्रेंडन लिंच भी शामिल है। दोनों पक्ष वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के साथ व्यापक स्तर की वार्ता करेंगे। बीते महीने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ओसाका में आयोजित जी 20 के सम्मेलन में मुलाकात की थी और इसके बाद दोनों पक्षों की यह पहली मुलाकात है।
ट्रम्प ने निरंतर यह मामला उठाया है कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर अत्यधिक अतिरिक्त शुल्क थोप रखा है। दोनों देशों के बीच 5 जून को व्यापार सम्बन्ध माजिद खराब हो गए जब अमेरिका ने नई दिल्ली से सामान्य व्यापार तरजीह का दर्जा वापस ले लिया था।
इस योजना को साल 1974 में लागू किया गया था और यह अमेरिका का सबसे पुराना कारोबार तरजीह स्कीम है। यह लाभार्थी देशों के कई हजारो उत्पादों के आयात पर शुल्क नहीं लगाने की अनुमति देती है। इसके प्रतिकार में भारत ने अमेरिका के आयातित उत्पादों पर शुल्क लगाया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि “जैसा कि मैंने कहा था, अमेरिका के प्रतिनिधि समूह के सतह बातचीत जारी है। यह मुलाकात दोपहर में लंच के दौरान होगी और दोबारा शुरू रहेंगी। यह ओसाका में निर्णय ले लिया गया था, जब प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मुलाकात हुई थी कि दोनों पक्षों के अधिकारी व्यापार से सम्बंधित सभी मतभेदों को जल्द सुलझा लेंगे।”
अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने बीते महीने नई दिल्ली की यात्रा की थी भारत और अमेरिका को जानकारी है कि दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर मसले हैं और वे जल्द ही इन मतभेदों को सुलझा लेंगे।