भारत अगले माह अमेरिका, जापान और रूस के साथ तीन प्रमुख सैन्याभ्यास का संचालन करेगा। ये सैन्याभ्यास भारत की रणनीति को संतुलित करने के लिए होगा।
भारत और जापान के रक्षा मंत्रियों के मध्य अगस्त में पहली बार भारत और जापान की सेना संबंधो को आगे ले जाने के बाबत बातचीत हुई थी। भारत और जापान अगले माह पहला साझा सैन्याभ्यास ‘धर्म गार्डियन- 2018’ करेंगे।
इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक जापान की सेना के साथ यह अभ्यास मिजोरम में संपन्न होगा जो 1 नवंबर से 11 नवंबर तक चलेगा। भारतीय सैनिक 6/1 गोरखा राइफल से होंगे जबकि जापानी सैनिक 32 इनफानिटरी रेजिमेंट से प्रतिनिधित्व करेंगे। आर्मी के जनसम्पर्क सैनिक ने बताया कि दोनों देशों के सैनिको को योजना बनाना और उसे प्रभावी बनाने के तरीके सिखाये जायेंगे। दोनों देशों के विशेषज्ञ इस ऑपरेशन में अपने विचार साझा करेंगे।
भारतीय सेना जापान के बाद रूस के साथ ‘इंद्र’ सैन्याभ्यास करेगी जो उत्तर प्रदेश के बबीना में आयोजित होगा। इसमें आर्मी की पांचवी सैन्य इकाई में से 250 सैनिक इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे। यह सैन्याभ्यास 16 से 29 नवंबर तक चलेगा। इस अभ्यास में आर्मी नवउ और एयर फाॅर्स हिंसा लेगी, यह भी विरोधी होगी। यह ऐसा पहला अभ्यास है जो भारत ने किसी विदेशी सहयोगी के साथ संपन्न करेगा।
रूस के बाद भारत के सैनिक अमेरिका के साथ राजस्थान में होने वाले साझा सैन्याभ्यास में हिस्सा लेंगे। यह अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ भी आतंक विरोधी होगा। ये साझा सैन्याभ्यास 19 नवंबर से 2 दिसंबर तक आयोजित होगा।
भारत और अमेरिका के मध्य हुई 2+2 वार्ता के तहत अमेरिका ने साझा त्रिस्तरीय सैन्याभ्यास के लिए प्रतिबद्धता दिखाई थी। रूस के साथ त्रिस्तरीय सैन्याभ्यास संपन्न होने के बाद अमेरिका के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सैन्याभ्यास होगा।
भारत और अमेरिका इसके आलावा दोनों देशों की सेनाओं के मध्य सालाना ‘युद्ध अभ्यास’ अभ्यास करते हैं। साथ ही जापान के साथ नेवल अभ्यास ‘मालाबार’ भी करता है। इस हालिया अभ्यास के माध्यम से भारत जापान के साथ रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाना चाहता है। साथ ही रक्षा सहयोग को भी मज़बूत करना चाहता है।