भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को व्यापक व्यापार मामलो पर चर्चा की थी। इसका मकसद द्विपक्षीय आर्थिक संबंधो को मज़बूत करना है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह बयान दिया था। मंत्रालय ने बयान में कहा कि
दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार और व्यावसायिक संबंधों पर चर्चा की थी और संयुक्त हितेषी परिणाम के लिए दोनों पक्षों ने सहमती जताई थी। इसका मकसद आर्थिक संबंधों को उभारना और संयुक्त व्यापार चिंताओं पर चर्चा है।”
इस बयान में कहा कि “इस बैठक का मकसद द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्य संबंधों को एक नई प्रेरणा मुहैया करना है। जिस पर ओसाका में मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प और नरेंद्र मोदी ने सहमति जताई थी। ट्रम्प ने लगातार इस मामलो को उठाया है कि भारत ने अमेरिका के उत्पादों पर अत्यधिक शुल्क थोपा है।
दोनों पक्षों के बीच व्यापार तनाव 5 जून को बढ़ा था जब अमेरिका ने भारत से व्यापार तरजीह देश का दर्जा छीन लिया था और डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को “शुल्क का बादशाह” कहकर संबोधित किया था।
अमेरिका के नेतृत्व का प्रतिनिधित्व भारत में यूएसटीआर के सचिव क्रिस्टोफर विल्सन कल नई दिल्ली पंहुच गए थे। इस प्रतिनिधि समूह में यूएसटीआर के डिप्टी सचिव ब्रेंडन लिंच भी शामिल है।
इस योजना को साल 1974 में लागू किया गया था और यह अमेरिका का सबसे पुराना कारोबार तरजीह स्कीम है। यह लाभार्थी देशों के कई हजारो उत्पादों के आयात पर शुल्क नहीं लगाने की अनुमति देती है। इसके प्रतिकार में भारत ने अमेरिका के आयातित उत्पादों पर शुल्क लगाया था।
अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने बीते महीने नई दिल्ली की यात्रा की थी भारत और अमेरिका को जानकारी है कि दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर मसले हैं और वे जल्द ही इन मतभेदों को सुलझा लेंगे।