भारत ने गुरूवार को एमआई-24 हमलावर विमानों का पहला जोड़ा अफगानिस्तान को भेज दिया है। अफगानिस्तान में भारत के राजदूत विनय कुमार ने इसे रक्षा मंत्री असदुल्लाह खालिद के सुपुर्द कर दिया है। भारत ने इससे पूर्व एमआई-24 विमानों को दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान को दिए था।
एमआई-24 विमानों की डिलीवरी
भारत-बेलारूस और अफगानिस्तान ने मिलकर विमानों को अफगानिस्तान को देने के लिए त्रिकोणीय समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। साल 2018 के इस समझौते के तहत अफगानिस्तान को रिपेयर किये हुए एमआई-24 विमानों को सौंपना था। अफगानिस्तान को एमआई-24 विमानों को सौंपने वाला सबसे बड़ा अनुदानकर्ता भारत ही है।
साल 2001 से जंग से जूझ रहे देश में भारत ने करीब तीन अरब डॉलर की सहायता का योगदान दिया है, जिससे भारत अफगानिस्तान संबंध मजबूत हुए हैं। एमआई-24 के चार विमान अफगानी सेनाओं को तालिबान के खिलाफ लड़ने में मददगारी साबित होंगे ताकि 18 वर्ष के रक्तपात को समाप्त किया जा सके।
अमेरिका और तालिबान के बीच शान्ति वार्ता का निरंतर आयोजन हो रहा है लेकिन इसके बावजूद तालिबान ने अफगानी सेना पर हमले जारी रखे हैं। अफगानी सरकार से सीधे बातचीत के लिए चरमपंथी गुट इंकार करता है क्योंकि उसके मुताबिक अफगानी सरकार अमेरिका के हाथो की कठपुतली है।
अमेरिका और तालिबान वार्ता
अमेरिका और तालिबान के बीच हाल ही क़तर की राजधानी ने दोहा में छठे दौर की वार्ता हुआ थी। अमेरिका और अफगानी सरकार ने तालिबान से रमजान के पाक महीने के दौरान संघर्षविराम समझौते पर हस्ताक्षर करने करने का आग्रह किया था जिसे चरमपंथियों ने सिरे से खारिज कर दिया था।
इस वार्ता के पश्चात दोहा में तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ट्वीट कर कहा कि “शान्ति वार्ता के छठे चरण में थोड़ी प्रगति हुई है और दोनों पक्ष अगले स्तर की बातचीत के लिए दोबारा मुलाकात करेंगे। स्पष्ट शब्दों में यह वार्ता सकारात्मक और रचनात्मक थी। दोनों पक्षों ने एक-दुसरे को सावधानी और संयमता से सुना था।”