अफगानिस्तान में तैनात अमरीकी राजदूत ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत अगर अफगानिस्तान से जमीनी स्तर पर व्यापार को बढ़ावा देता है तो पाकिस्तान को इसमें को दिक्कत नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि इस बात को पाकिस्तान ने साल के शरुआती दौर में कहा था। अमरीकी राजदूत के यह बयान भारत के लिए हितैषी है क्योंकि पाकिस्तान पिछले कई वर्षों से नई दिल्ली की अफगानिस्तान में बढ़ती गतिविधियों और उत्पादों के निर्यात से खफा है।
पाकिस्तान ने बदलाव के बाद ही अफगान सरकार से इस सिलसिले में बातचीत की। उन्होंने कहा अगर भारत काबुल में निर्यात करता है तो व्यापारिक दृष्टि से यह बेहद लाभदायक सिद्ध होगा।
अमेरिकी राजदूत ने कहा अलबत्ता यह कोई कूटनीति के तहत की गई बातचीत हो सकती है लेकिन पाकिस्तान ने घर से होते हुए भारत को व्यापार करने के लिए अफगान सरकार से बातचीत की है।
मुंबई में आयोजित भारत-अफगान व्यापार एवं निवेश समारोह से अलग उन्होंने यह बयान दिया।
अपने बयान में उन्होंने कहा कि भारत के निवेशकों ने इस समारोह में अफगानिस्तान में बड़े स्तर पर निवेश करने का निर्णय किया है जो 27 मिलियन डॉलर है। इससे पूर्व भारतीय व्यापारियों ने अफगानिस्तान में 200 मिलियन डॉलर का निवेश कर चुके है।
उन्होंने कहा पाकिस्तान के व्यापार के लिए हामी भरने से व्यापारिक गतिविधियों में गतिशीलता आएगी, साथ ही यह इस्लामाबाद के लिए फायदेमंद सौदा होगा।