नयी दिल्ली में अफगानिस्तान एम्बेसी में एम्बेसडर(राजदूत) के रूप कार्यरत डॉ शैदा मोहम्मद अब्दाली ने बुधवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी को अपना इस्तीफा सोंपा।
आपको बतादे, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति नयी दिल्ली के एक दिवसीय दौरे पर बुधवार को भारत आए थे, बुधवार को देर शाम डॉ अब्दाली ने उनसे मिलकर अपना इस्तीफा उन्हें सोंपा। अफगान राष्ट्रपति के स्वदेश लौटने के बाद डॉ अब्दाली ने अपने इस्तीफे की बाटी ट्विटर के माध्यम से कहीं।
जुलाई 2012 में भारत में अफगानिस्तानी राजदूत के रूप में पदभार संभालने के बाद, वे चाहते हैं की अफगानिस्तान लौट कर जनता और उनके देश की सेवा करें। नयी दिल्ली में जब अफगान राष्ट्रपति पीएम मोदी से मुलाकात करने पहुंचे थे, उसी दिन अफगान राजदूत का इस्तीफा आना इससे यह साफ़ हो चूका था, की डॉ अब्दाली अफगानिस्तान के अशरफ घनी सरकार से नाराज हैं और अफगानिस्तान लौट कर वे चुनाव में हिस्सा भी ले सकते हैं।
अफगानिस्तान के राजनीती में हिस्सा लेने के विषय पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए डॉ अब्दाली ने कहा, “मेरा उद्देश्य जनता की सेवा करना हैं। अफगानिस्तान में स्थिरता मेरे लिए सबसे बढ़कर हैं। अगर आप मुझसे राजदूत बने रहेने उअर अफगानिस्तान लौट कर राष्ट्रिय एकता की रक्षा करने के बीच एक पर्याय चुनने के लिए कहेंगे तो मैं अफगानिस्तान की एकता और स्थिरता के लिए काम करना पसंद करूँगा।”
“अफगानिस्तान में इस वक्त एक भी परिवार ऐसा नहीं है, जिसने किसी अपने को खोया हैं हों। अफगानिस्तान में सामाजिक जीवन एक बलिदान हैं। 2015 में कंदहार के एक मस्जिद में नमाज अदा करते हुए मेरे एक भाई को जान से मारा गया था, इससे पहले 2008 में और एक भाई की हत्या की गयी थी।”
आपको बतादे, भारत में अफगानिस्तान के राजदूत के इस्तीफे से पहले, अफगानिस्तान में सरकार के कई आला आधिकारी भी अपने इस्तीफे राष्ट्रपति अशरफ घनी को सोंप चुके हैं। अगस्त में अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हनीफ अत्मार और कई कैबिनेट मंत्रियों ने राष्ट्रपति घनी से मतभेदों के चलते अपने पदों से इस्तीफे दिए हैं।