सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष को उनपर दर्ज सभी मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण देने की बात कही है। भारती घोष हाल में ही भाजपा में शामिल हुई हैं। न्यायमूर्ति एस. के. सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि भारती के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। इसके साथ न्यायालय ने मामले की सुनवाई को भी तीन हफ्तों के लिए स्थगित कर दिया है।
घोष ने शीर्ष अदालत में संरक्षण की मांग करते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार ने उनके खिलाफ 10 एफआईआर दर्ज किए हैं। उन्होंने कहा कि सात केसों के लिए उन्हें शीर्ष अदालत से पहले ही संरक्षण मिला हुआ है लेकिन बंगाल सरकार ने उनपर और तीन केस कर दिए हैं।
घोष की ओर से दायर की गई याचिका को बंगाल सरकार ने खारिज किया है और कहा है कि उनके पास घोष के खिलाफ सबूत है। जिनमें घोष साफ अपने निजी सुरक्षा अधिकारी से बात करती हुई देखी जा सकती हैं।