श्रीलंका के ख़ुफ़िया विभाग के अधिकारीयों को इस्लामिक स्टेट के हमले के बाबत सूचना दी गयी थी। ईस्टर रविवार को हुए आठ आतंकी हमलो में 321 लोगो की मौत और 500 लोगो के जख्मी होने की खबर है। दशकों के गृह युद्ध के बाद श्रीलंका में शांतिपूर्ण माहौल थे लेकिन इस वारदात से देश में शोक की लहर चलने लगी है।
मंगलवार को इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी लेकिन उन्होंने कोई सबूत नहीं दिखाए थे। श्रीलंका रक्षा सूत्र और भारत सरकार के सूत्र ने बताया कि भारतीय ख़ुफ़िया अधिकारीयों ने पहले हमले से दो घंटे पूर्व श्रीलंकाई अधिकारीयों को आगाह करने के लिए संपर्क किया था।
अन्य श्रीलंका रक्षा सूत्र ने बताया कि पहले हमले से घंटो पूर्व चेतावनी मिली थी। शनिवार रात को भारतीय अधिकारीयों ने भी आगाह किया था। भारतीय सूत्र ने बताया कि ऐसी ही जानकारी श्रीलंका के ख़ुफ़िया विभाग के अधिकारीयों को 4 अप्रैल और 20 अप्रैल को दी गयी थी।
श्रीलंका की हुकूमत इस्लामिक स्टेट के वार को नाकाम करने में विफल रही है और इसकी वजह प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के बीच खटपट हो सकती है जिसके कारण वह राष्ट्रीय सुरक्षा को तवज्जो नहीं दे रहे हैं।
राजनीतिक मतभेदों के कारण बीते वर्ष अक्टूबर को राष्ट्रपति सिरिसेना ने प्रधानमंत्री को सत्ता से बेदखल कर दिया था और शीर्ष अदालत के आदेश के बाद दोबारा पीएम पद सौंपा था। श्रीलंका की ख़ुफ़िया विभाग को दी गयी भारतीय ख़ुफ़िया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका की पुलिस को हफ्तों पूर्व स्थानीय इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा संभावित हमला किये जाने की सूचना दे दी गयी थी।
राष्ट्रपति ने मंगलवार को रक्षा बलों के प्रमुखों को बदलने का ऐलान किया था और कहा कि उन्हें कभी भारतीय रिपोर्ट नहीं मिली थी। जूनियर डिफेन्स मिनिस्टर और पीएम के सहयोगी रुवान विजयवर्दने ने बताया कि उन्हें भी भारतीय विभाग की रिपोर्ट की जानकारी नहीं थी।