भारतीय सेना को आधुनिक तकनीक से परिपूर्ण बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने आर्मी द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। शनिवार को अधिकारयों ने बताया कि फ़ास्ट ट्रैक मोड के तहत अमेरिका से 73 हज़ार हमलावर राइफल की डिलीवरी को हरी झंडी मिल गयी है।
भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिग सौएर राइफल्स की प्राप्ति के लिए इजाजत दे दी है, जो चीन के 3600 किलोमीटर बॉर्डर पर तैनात भारतीय सैनिकों को मुहैया की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि इन राइफल्स का इस्तेमाल अमेरिका सहित कई यूरोपीय देश ‘फ़ास्ट ट्रैक प्रोकरेमेंट प्रोसीजर’ करते हैं।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘इस कॉन्ट्रैक्ट को इस हफ्ते में ही अंतिम रूप दे दिया जायेगा। इस डील के फाइनल होते ही अमेरिका को एक साल के भीतर राइफल्स की डिलीवरी करनी होगी।’ आर्मी के सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी उत्पादित राइफल्स को आईएनएसएएस से रिप्लेस किया जायेगा।
अक्टूबर 20 17 में भारतीय सेना ने सात लाख राइफल्स, 44000 लाइट मशीन गन और 44600 कार्बिनेस की डिलीवरी की थी। करीब 18 माह पूर्व आर्मी ने स्टेट राइफल फैक्ट्री से राइफल के निर्माण को बंद कर दिया था। इसके बाद सेना ने वैश्विक बाज़ार से राइफल खरीदने की खोज शुर कर दी थी।
सेना को आईएनएसएएस राइफल को बदलने के लिए सात लाख राइफल्स की जरुरत है। इन राइफल्स को खरीदने में सेना कई कारणों से देरी हुई है। पाकिस्तान और चीन की सेना से खतरे के कारण भारत पर हथियार प्रणाली खरीदने के लिए दबाव बन रहा है।