Thu. Dec 19th, 2024
    भारतीय सेना द्वारा बनाया गया पुल

    भारतीय सेना ने लेह लद्दाख में सिंधू नदी पर सबसे बड़ा सस्पेंशन पुल बनाया हैं। लद्दाख में दूरदराज के इलाकों कनेक्टविटी को बढावा देने के लिए भारतीय सेना ने 260 फीट लंबा पुल बनाया हैं। केबल सस्पेंशन पुल आम लोगों के लिए खोल दिया गया हैं। एनआई रिपर्ट के अनुसार इस पुल का नाम मैत्री पुल रखा गया हैं।

    भारतीय सेना ने सिविल प्रशासन के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एक पुल के निर्माण का अभियान चलाया गया। पुल का निर्माण चोगलामसर, सटोक, चुचाट गांव के निवासियों की मदद के लिए किया गया था जोकि लद्दाख क्षेत्र में काफी बड़ा हैं। सोमवार को इस पुल का उद्घाटन किया गया, इस अवसर पर  लेफ्टिनेट जनरल वाई के जोशी, एवीएसएम, वाईआरसी, एसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, फायर और फ्यूरी काॅर्प्स के साथ लद्दाख क्षेत्र के वरिष्ट युद्ध दिग्गज भी शामिल थे।

    मैत्री पुल भारतीय सेना के इंजीनियरिंग क्षमता को प्रदर्शित करता हैं। सिंधु नदी पर पुल का निर्माण सहज और योग्यता के रेजिमेंट के फायर और फ्यूरी कॉर्प्स के कॉम्बट इंजीनियरों के द्वारा 40 दिनों में बनाया गया। इस छोटी अवधि में लगभग 500 टन पुल उपकरणों और निर्माण सामग्री को ढोया गया।

    नरेंद्र मोदी सरकार ने क्षेत्र में ऑल वेदर क्नेक्टिविटी के निर्माण पर जोर दिया हैं। पिछले साल हिमाचल प्रदेश के मनाली से लद्दाख तक कारगिल से जांस्कर तक ऑल वेदर क्नेक्टिविटी के लिए सड़क का निर्माण किया गया था। पिछले साल जोजिला सुरंग का काम हुआ, एशिया की सबसे लंबी सुरंग हैं जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने खुद की थी। इस योजना को केंद्र द्वारा जम्मू और कशमीर में 25000 करोड़ की लागत से किया गया था।

    लेह लद्दाख अपने भौगोलिक जगह के वजह से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। पिछले साल बॉर्डर रोड सगंठन  इस क्षेत्र में 35 मीटर लंबा चामसाहन पुल बनाया, जो लेह में एक प्रमुख यात्रा अडचन को दूर करता हैं और सियाचिन ग्लेशियर के आधार पर वाहनों की आवाजाही को आसान बनाता हैं। यह योजना हिमांक के अंतरगत पूरा किया गया।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *