चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने सम्पादकीय में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत पर इस हफ्ते दिए गए युद्ध सम्बन्धी बयान पर निशान साधा है। सम्पादकीय में कहा है कि यह बात स्वीकार करनी चाहिए कि बिपिन रावत के पास बड़ा मुंह है, और वे नई दिल्ली और बीजिंग के बीच आग भड़का सकते है। अंतर्राष्ट्रीय नियमो के बारे में रावत ने आँखे मूँद रखी है, और यह भी दिखता है कि भारतीय सेना में कितना अहंकार भरा है। रावत ने बड़े ही हाईप्रोफाइल तरीके से दो मोर्चे पर युद्ध की स्थिति की वकालत की है। लेकिन भारतीय सेना के पास इतना विश्वास कहा से आया है?
बिपिन रावत ने यह बयान एक सेमिनार को सम्बोधित करते हुए कहा था कि जहाँ तक कि हमारे उत्तरी विरोधी का सवाल है तो ताकत दिखने का दौर शुरू हो चूका है। धीरे-धीरे भूभाग पर कब्जा करना और हमारी सहन क्षमता को परखना हमारे लिए चिंता का विषय है। इस परिस्थिति के लिए हमें तैयार रहना चाहिए जो धीरे-धीरे संघर्ष के रूप में बदल सकती है।
रावत ने जब दो मोर्चे(चीन और पाकिस्तान) से युद्ध के लिए तैयार रहने कि बात कही तो चीनी मीडिया ने इस पर कुछ तीखी प्रक्रिया दी। ग्लोबल टाइम्स ने अपने सम्पादकीय में लिखा है कि भारत और चीन के बीच जो डोकलाम विवाद चल रहा था, उस पर दोनों देशो ने शांतिपूर्वक सकारात्मक वार्ता में इस मुद्दे को समाप्त किया। वही जब पीएम मोदी ब्रिक्स सम्मलेन में चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की तो सीमा पर शान्ति बनाये रखने पर दोनों ने सहमति जताई थी।
आगे लिखते हुए चीनी मीडिया ने कहा कि ऐसे मौके पर जब शांति कि बात हो रही है, तब रावत द्वारा दिया हुआ ये बयान काफी उल्टा प्रतीत होता है। भारतीय जनरलों को ताज़ा स्थिति के बारे में कुछ बेसिक जानकारी रखनी चाहिए। क्या भारत दो मोर्चो पर लड़ाई झेल सकता है, अगर चीन और पाकिस्तान एक साथ मोर्चा खोल दे तो?
अखबार ने आगे लिखा है कि ऐसा लगता है वहां दो भारत है, एक जो ब्रिक्स समूह का हिस्सा है, चीन की तरह और दूसरा चीन के खिलाफ भड़काऊ बयान देते रहता है। क्या हमें पहले भारतीय को गले लगाकर दूसरे भारतीय को सबक सिखाना चाहिए।