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    बचाव कार्य

    भारतीय शान्ति दूत लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी की कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में मौत हो गयी है, वह किवू झील में अपनी साथी की जान बचाने की कोशिश कर रहे थे। यूएन ने शुक्रवार को उत्तरी किवू में एक रविवार को मृत सैनिक की याद के एक शोक समारोह रखा था।

    यूएन के महासचिव एंटोनियो गुएट्रेस के उप विशेष प्रतिनिधि फ़्रन्कोइस ग्रिग्नों और लेफ्टिनेंट जनरल एलिअस रोद्रिगुएस मार्टिंस फिल्हो में पीसकीपिंग फाॅर्स कमांडर लेफ्टिनेंट सौलंकी की शान्ति के लिए साहस की सराहना की है और गुएट्रेस ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

    मोनुस्को के साथ अभी 2613 भारतीय सैन्य कर्मचारी मौजूद है। कायकिंग ट्रिप के दौरान लापता हुए गौरव का का शव किवु झील के अंदर मिला था। दरअसल लेफ्टिनेंट गौरव शनिवार को कयाकिंग स्थित किवु झील गए थे और उसके बाद से ही उनसे संपर्क नहीं हो सका था। उन्हें ढूंढने के लिए तमाम प्रयास किए गए और सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया था।

    सर्च अभियान के बाद गुरूवार को अकहिर्कार उनका शव ढूंढ लिया गया था। कांगों में सबसे बड़ी संख्या में भारतीय सेना की तैनाती है और किवु प्रांत की राजधानी गोमा में भारतीय ब्रिगेड का मुख्यालय भी मौजूद है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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