Thu. Dec 19th, 2024
    अमेज़न जेफ बेजोस

    अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न जिसने देश में आते ही ये भाँप लिया कि इस तरह से आगे इस देश में अपने व्यवसाय को आगे लेकर जाना है। अमेज़न को शुरुआती टक्कर स्नैपडील व फ्लिपकार्ट से मिली, लेकिन समय के साथ ही स्नैपडील और फ्लिपकार्ट को किनारे करते हुए अमेज़न देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन कर उभरी।

    अमेज़न के ही प्रभाव से स्नैपडील जहां बाज़ार में अपनी बड़ी हिस्सेदारी व अपने ग्राहकों को गंवा चुकी है वहीं फ्लिपकार्ट को बाज़ार में टिके रहने के लिए अमेरिका की ही वालमार्ट से सौदा करना पड़ गया।

    इन सब के बावजूद अब अमेज़न भारत को भविष्य के बाज़ार के रूप में देख रहा है। अमेज़न के हिसाब से अंबानी और टाटा के बाद भारत के खुदरा बाज़ार में एक क्षत्र राज करने वाला कोई नहीं बचेगा।

    अपनी इसी रणनीति के तहत अमेज़न ने किशोर बियानी की फ्युचर रीटेल में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीद ली है। मालूम हो कि फ्युचर ग्रुप ही भारत की सबसे बड़ी खुदरा चेन बिग-बाज़ार की कर्ता धर्ता है।

    अमेज़न ने पास इंटरनेट कॉमर्स का बड़ा नेटवर्क है, जिसके चलते यदि वह फ़िज़िकल बाज़ार में भी अपनी पकड़ मजबूत कर लेता है तो अमेज़न भारत में किसी भी खुदरा क्षेत्र की कंपनी के सामने खड़ी चुनौती पेश कर सकेगा।

    इसके पहले अमेज़न ने कुमार बिरला मोर का अधिग्रहण किया था। इसी के साथ अमेज़न की शॉपर्श स्टॉप व बैंक-बाज़ार में भी हिस्सेदारी है।

    बैंक बाज़ार के साथ ही अमेज़न ने भारत के वित्त क्षेत्र में भी अपनी दस्तक दी है।

    अमेज़न की सबसे चिर प्रतिद्वंदी कंपनी वालमार्ट ने हाल ही में फ्लिपकार्ट को 16 अरब डॉलर में खरीदा है। वहीं चीन की अलीबाबा ने बिग बास्केट और पेटीएम मॉल में निवेश किया है।

    इस तरह से ये सभी कंपनी अब भारतीय खुदरा बाज़ार में अपनी पैठ मजबूत कर लेना चाहती हैं।

    ऐसे में भारत सरकार के पास बहुत ही कम समय है कि वो भारत के स्थानीय बाज़ार व व्यापारियों के लिए कोई नयी नीति ईजाद कर सके, जिसके चलते भविश्व में वे भी इन कंपनियों के सामने बाज़ार में टिक सकें।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *