विश्वानाथन आनंद वह शख्स हैं जिन्होने भारत में शतरंज जैसे खेल को पहचान दी है। विश्वानाथन आनंद अब युवाओ के बीच प्रतिभा की गहराई मे विस्मय है। किसी के लिए वह देश के पहले ग्रेंडमास्टर है, लेकिन उनको आईएम.डी गुकेश के लिए सहानभूति है क्योंकि वह हाल ही में विश्व के सबसे युवा ग्रेंडमास्टर बनने से चूंक गए थे।
आनंद ने कहा, ” भारत में हमारे पास विशेष रूप से 8-20 की उम्र में अद्भुत गहराई है। हमारा युवा चेस दुनिया में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी में से एक है। कई आयु वर्गों में राष्ट्रीय चैंपियन बनना अविश्वसनीय रूप से कठिन है। अंतरारष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय युवां खिलाड़ियो के लिए जीतना आसान हैं, उसी के बाद वह राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीत सकते है।
छह बार विश्व चैंपियन 49 वर्षीय आनंद ने कहा, ” हमारे वर्तामान के जूनियर विश्व चैंपियन, पिछले साल मुंबई इंटरनैशनल विश्व टूर्नामेंट में विजेता रहे थे और पिछले साल के अंडर-13 के विश्व चैंपियन गुकेश इस साल सबसे युवा ग्रेंडमास्टर बनने से चूक गए।”
आनंद को लगता है कि विश्व कप का माध्यम उनके लिए उम्मीदवारों का सबसे अच्छा मार्ग है। वह गुणवत्ता के लिए रैंकिंग मार्ग पर बहुत अधिक भरोसा नहीं करना चाहते है। जाहिर है, सबसे आसान काम विश्व कप से क्वालिफाई करना होगा। मैं उम्मीद करता हूं इस बार मैं अच्छा प्रदर्शन कर सकता हूं, दूसरा रास्ता और कसा हुआ है। मुझे 30 अंक और बहुत तेजी से हासिल करने है क्योंकि यह मासिक औसत चीज है। मैं इसे बहुत देर नही छोड़ सकता।