भारतीय महिला फुटबॉल टीम ने मंगलवार को 2020 ओलंपिक क्वालीफायर के तीसरे दौर के लिए क्वालीफाई करने का मौका गंवा दिया, क्योंकि टीम को म्यांमार से मांडले में 3-3 से ड्रॉ खेलना पड़ा। 21 साल की औसत उम्र वाली, मयमोल रॉकी-कोच की टीम को ओलंपिक क्वालीफायर राउंड 2 के ग्रुप ए में शीर्ष पर जीत की जरूरत थी, लेकिन यहां नही हो सका और टीम तीसरे दौरे में जगह बनाने में नाकाम रही।
भारत और म्यांमार को दोनो ही टीमो को तीन मैचों में सात अंक मिले लेकिन घरेलू टीम ने बेहतर गोल अंतर (भारत के प्लस 4 की तुलना में प्लस 8) के आधार पर तीसरे दौर में प्रवेश किया। प्रत्येक समूह से केवल एक टीम तीसरे दौर के लिए क्वालीफाई करती है।
संध्या रंगनाथन ने कल मैच में टीम को खेल के 10वें मिनट में ही एक गोल की बढ़त दर्ज करवा दी थी लेकिन म्यांमार की विन थिंगी तुन ने 17वें मिनट में भारत का गोल लगाकर बराबरी कर ली थी। टुन ने 21वें मिनट में टीम के लिए एक औऱ गोल लगाया लेकिन संजू ने टीम के भारतीय टीम के लिए गोल लगाकर 2-2 बराबरी करवा दी।
रतनबाला देवी ने 64 वें मिनट की स्ट्राइक के साथ भारत को बढ़त दिलाई लेकिन ट्यून ने 72 वें मिनट में फिर से एक और गोल लगाकर अपनी हैट्रिक पूरी की। दुनिया में 62 वें स्थान पर रहने वाली भारतीय महिलाओं ने म्यांमार के खिलाफ जल्दी अटैक करने के इरादे से प्रदर्शन किया, फीफा चार्ट में म्यांमार 42वें स्थान पर है।
इससे पहले दोनो टीमो ने दो-दो मैच खेले थे जिसमें दोनो टीम के 6-6 अकं थे। लेकिन यह मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ तो गोल के अंतर से भारतीय टीम को ग्रुप-ए में शीर्ष पर इसलिए नही जगा बना पाई क्योकि गोल अंतर में म्यांमार की टीम आगे थी। जिसके चलते अगले दौर के लिए म्यांमार की टीम ने अब अपनी जगह पक्की कर ली है।