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    कपिल देव
    कपिल देव ने स्वीकार किया कि वह भारत महिला टीम के नए मुख्य कोच के रूप में डब्ल्यूवी रमन की नियुक्ति को गलत ठहराने की कोशिशों से “परेशान” हुए हैं। विश्व कप विजेता कप्तान ने तीन सदस्यीय समिति का नेतृत्व किया था, जिसमें शांता रंगास्वामी और अंशुमान गायकवाड़ भी शामिल थे, जिन्होंने चयन प्रक्रिया का नेतृत्व करने का काम किया था। जिसे तब से सीओए सदस्य डायना एडुल्जी ने ‘अवैध कदम’ करार दिया है क्योंकि यह उनके पास नहीं थी और उन्होने कोच के लिए अपना वोट का अनमोदन नही किया था।
    कोच की स्थिति खराब होने से असहजता उस स्थर तक बढ़ गई है, जहां सीनियर महिला टीम के पास पहले वनडे मैच से पहले तैयारियों के लिए 20 दिन से भी कम का समय बचा है। भारतीय टीम एकदिवसीय सीरीज का पहला मैच नैपियर में खेलेगी।

    कपिल देव ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, ” मैं बहुत परेशान हूं यह सब क्या हो रहा है। मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं, लेकिन एक व्यक्ति विशेष के अहंकार को देश में महिलाओं के खेल को विकसित करने के लिए कोई बाधा नहीं डालनी चाहिए।” एडुल्जी और सीओए प्रमुख विनोद राय के बीच मतभेद के संदर्भ में देव ने कहा, “किसी की व्यक्तिगत पसंद या नापसंद हो सकती है, लेकिन यह राष्ट्रीय महिला टीम के हित से ऊपर नहीं है।”

    देव को इस बात से भी निराशा हुई कि उनकी समिति की साख पर सवाल उठाए गए थे, उनकी समीति के ऊपर कोच के उम्मीदवारों को शार्टलिस्ट करने के ऊपर सवाल उठाए गए थे। उन्होने कहा, ” गैरी कर्स्टन, जिन्होंने भारत को विश्व कप जितवाया था। वेंकटेश प्रसाद, जो भारतीय पुरुष टीम के गेंदबाजी कोच थे। रमन ने अपने तकनीकी ज्ञान से सभी का सम्मान किया है। अगर किसी को इन नामो से कोई समस्या है तो, वह भारतीय क्रिकेट को ध्यान में रखते हुए अच्छा काम नही कर रहे हैं।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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