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    बलिदान बैज

    भारत ने दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ साउथेमप्टन में 6 विकेट से मैच जीतकर अपने विश्वकप आगाज शानदार तरीके से शुरु किया। हालाँकि, यह मैच पूर्व भारतीय कप्तान, एमएस धोनी के लिए विवादास्पद रहा। 37 वर्षीय अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ पिछले मैच में भारत की पेरा स्पेशल फोर्स के बलिदान बैज के चिह्न को अपने विकेटकीपिंग दस्ताने में लगाकर आए थे जिससे विवाद हो गया था।

    भारतीय सेना के लिए उनके प्यार के लिए कुछ लोगो ने उनका समर्थन किया। हालांकि, आईसीसी ने अपनी राय रखते हुए बीसीसीआई से अनुरोध करते हुए इसे हटाने को कहा था। बीसीसीआई ने बाद में आईसीसी से बात करते हुए कहा की एमएस धोनी को यह दस्ताने पहनकर मैच खेलने दिया जाए। लेकिन आईसीसी ने कहा कि यह उनके नियमो के खिलाफ है और आईसीसी ऐसे कार्य करने की अनुमति नही देता है।

    आईसीसी ने एक आधिकारिक रिलीज में जवाब दिया था, ” आईसीसी घटनाओं के लिए नियम किसी भी व्यक्तिगत संदेश या लोगो को कपड़ों या उपकरणों के किसी भी आइटम पर प्रदर्शित होने की अनुमति नहीं देते हैं। इसके अलावा, लोगो विकेटकीपर दस्ताने की अनुमति के संबंध में नियमों को भी भंग कर देता है।”

    भारत की टीम कल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लंदन के ओवल में अपना दूसरा विश्वकप मैच खेलने उतरी थी। भारतीय पारी के दौरान, 2011 विश्व कप विजेता कप्तान के समर्थन में एक प्रशंसक को ‘बालिदान बैज’ दिखाते हुए देखा गया। धोनी के केवल भारत में प्रशंसक नहीं हैं, लेकिन दुनिया भर में और लंदन में समर्थक का इशारा उसी के लिए एक वसीयतनामा था।

    धोनी को क्रिकेटरो से भी मिला समर्थन

    धोनी के सेना के प्रति अपना प्यार और सम्मान दिखाने के लिए क्रिकेटरो का समर्थन भी मिला। जिसमें से भारत के 2011 विश्वकप विजेता टीम के सदस्य गौतम गंभीर भी शामिल थे। उन्होने कहा था कि आईसीसी का काम क्रिकेट खिलाने का है ना कि दस्ताने और लोगो देखने का।

    इस बीच, एस श्रीसंत ने भी धोनी का समर्थन करते हुए कहा कि आईसीसी को धोनी के साथ-साथ पूरे देश से मांफी मांगनी चाहिए।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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