भारत सरकार ने 2 जनवरी को ऐलान किया कि 23 भारतीयों के पासपोर्ट को पाकिस्तान उच्चायोग ने गुम कर दिया है। भारत ने दस्तावेजों के गुम होने की जानकारी मिलने के बाद इसका सार्वजानिक तौर पर घोषणा की है। जिन भारतियों के पासपोर्ट खो गए हैं, वो पाकिस्तान हाई कमीशन में वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
लोक सभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि “विदेश मंत्रालय को नई दिल्ली में स्थित पक्सितानी उच्चायोग से कुल 23 पासपोर्ट गायब होने की सूचना मिली है।”
उन्होंने कहा कि पासपोर्ट का गलत इस्तेमाल करने से रोकने के लिए इन पासपोर्ट को डेटाबेस में लापता घोषित कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि सभी सम्बंधित विभागों को इसके बाबत निर्देश दे दिए गए हैं कि प्रभावित व्यक्तियों को पासपोर्ट जारी करते वक्त सतर्कता बरती जाए।
जिन भारतीय के पासपोर्ट गायब हुए हैं, वह सिख समुदाय से हैं और उन्होंने पाकिस्तानी उच्चायोग में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे सहित अन्य पवित्र स्थलों पर जाने के लिए आवेदन किया था। पाकिस्तान ने गुरु नानक देव की सालगिरह समारोह में सम्मिलित होने के लिए 3800 सिख श्रद्धालुओं को वीजा मुहैया किया था। यह समारोह 21 नवम्बर से 30 नवम्बर तक आयोजित हुआ था।
जिन 23 भारतीयों के पासपोर्ट लापता हुए हैं, उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा के लिए 3800 सिख श्रद्धालुओं के साथ वीजा के लिए आवेदन किया था।
पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में सिखों के लिए वीजा मुक्त दर्शन के कारण करतारपुर गलियारे का निर्माण किया जा रहा है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने इसी पवित्र स्थल पर अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किये थे।
पकिस्तान में करतारपुर गलियारे का शिलान्यास समारोह का आयोजन 28 नवम्बर को आयोजित किया गया था। इस समारोह में भारत के दो केंद्रीय सिख मंत्री हरसिमरत कौर बदल और हरदीप सिंह पुरी और पंजाब प्रांत के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू शरीक हुए थे।