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    भारतीय क्रिकेट टीम

    भारतीय टीम जिन्होने न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरूआती 3 वनडे मैचो में हर विभाग में बाजी मार कर सीरीज अपने नाम की थी, वह सीरीज के चौथे मैच में जो हैमिल्टन में खेला गया था वहा पूरी तरीके से नाकाम नजर आए। भारतीय टीम की बल्लेबाजी इस मैच मे ताश के पत्तो की तरह ढह गई और पूरी टीम 30.5 ओवर खेलकर 92 रन पर ढेर हो गई।

    न्यूजीलैंड की टीम ने इस मैच में टॉस जीतकर भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी का मौका दिया- जहा टीम के कप्तान विराट कोहली की बहुत खमी खली– जिससे पहले वह तीनो मैच खेलते नजर आए थे और न्यूजीलैंड के गेंदबाजो को बहुत संघर्ष करना पड़ा था।

    इस मैच में स्पिन गेंदबाज युजवेंद्र चहल सबसे ज्यादा नाबाद 19 रन बनाने वाले खिलाड़ी थे।

    बोल्ट ने इस मैच में अपने 10 ओवर में 21 रन देकर पांच विकेट चटकाए, जिसके बाद वह इंडिया के खिलाफ न्यूजीलैंड के सातवें ऐसे गेंदबाज बन गए है जिन्होने पांच विकेट हाल लगाया है। कॉलिन डी ग्रैंडहुम ने भी मैच में अच्छा प्रदर्शन किया और तीन अहम विकेट चटकाए इनके अलावा टोड एस्टल और जिम्मी निशेम ने भी एक-एक विकेट चटकाया।

    92 रनो के जबाव में, न्यूजीलैंड की टीम से ओपनर बल्लेबाज हैनरी निकोलहस ने 30 और रॉस टेलर ने 37 रन की पारी खेली थी औऱ 14.4 में मैच जीत लिया।

    यह इंडिया का सांतवा सबसे कम एकदिवसीय स्कोर था और इस स्थान पर भी किसी टीम द्वारा बनाया गया यह सबसे कम स्कोर था, इससे पहले इस मैदान में सबसे कम स्कोर 122 रन था और यह भी भारतीय टीम के ही नाम है।

    यह इंडिया के वनडे क्रिकेट में सबसे कम स्कोर पर एक नजर डालते है: 

    टीम ने अपना सबसे कम स्कोर वनडे क्रिकेट में साल 2000 में बनाया था, जब टीम चैंपियंस ट्रॉफी में श्रीलंका के खिलाफ 54 रन ही बना पायी थी। उस समय कप्तान सौरव गांगुली ने 3 और दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 5 रन बनाए थे।

    दूसरी बार टीम साल 1981 में सिडनी में 63 रन पर ढेर हो गई थी, जब ग्रेग चैपल ने 15 रन देकर 5 विकेट अपने नाम किये थे। जबाव में, ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजो को इस लक्ष्य तक पहुंचने में 21 ओवर लग गए। विश्वनाथ और रोजर बिन्नी उस समय दो ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होने दोहरे अंक में रन बनाए थे।

    मेन इन ब्लू टीम का तीसरा सबसे कम स्कोर 1986 में सामने आय़ा था जब टीम श्रीलंका के खिलाफ 196 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और टीम केवल 78 रनो पर ढेर हो गई थी। अर्जुना रानाटुंगा ने उस मैच में 14 रन देकर भारत के चार विकेट लिए थे और अपनी टीम को 117 रन से जीत दर्ज करवायी थी।

    साल 1978, भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ सिलाकोट में मैच खेल रही थी और कुल 79 रन के स्कोर पर ढेर हो गई थी। जिसमें मोहिंदर अमरनाथा ने 85 गेंदो में 35 और यशपाल शर्मा ने 26 गेंदो में 11 रन बनाए थे और वह टीम की तरफ से टॉप स्कोरर् थे। इस स्कोर को पाकिस्तान की टीम ने 17 ओवर में हासिल कर लिया।

    आज के मैच से पहले भारत 2010 में ट्राई सीरीज खेली गई थी, जिसमें श्रीलंका और न्यूजीलैंड की टीम भी शामिल थी। उस दौरान न्यूजीलैंड की टीम के खिलाफ भारत की टीम केवल 88 रन पर ढेर हो गई थी। उस मैच में रवींद्र जडेजा ने सबसे ज्यादा 22 रन बनाए थे।

    वही उसके बाद दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ 2006 में डरबन में खेले गए मैच में टीम 91 रनो पर ढेर हो गई थी। जहां एंड्रे नेल और कैलिस नें चार और तीन विकेट लिए थे औऱ पूरी भारत की टीम 91 रन पर ढेर हो गई थी।

    भारतीय टीम अब आखिरी मैच जीतकर न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज उच्च-स्तर पर जीतना चाहेगी। 3 फरवरी को दोनो टीम के बीच ऑकलैंड में मैच खेला जाएगा।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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