भारतीय टीम अभी तक अपने विदेशी दौरों पर अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रही हैं, लेकिन इसमें टीम के कोच रवि शास्त्री का कहना हैं कि जब कोई भी टीम विदेशी दौरों पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हैं तो इसमें टीम इंडिया को निशाने में लेना ठीक बात नहीं हैं।
इंडिया ने 2018 में अभी तक टेस्ट क्रिकेट में दो बार विदेशी दौरा किया जिसमें उनको दोनों बार हार का सामना करना पड़ा। एक बार साल की शुरुआत में साउथ अफ्रीका से 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत को 2-1 से शिकस्त झेलनी पड़ी।तो वही सितंबर में इंग्लैंड में खेली गई टेस्ट सीरीज में उनको 4-1 से हार का सामना करना पड़ा।
जब शास्त्री से यह पूछा गया कि टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया में जीतना कितना जरूरी हैं तो, इसमें जवाब देते हुए शास्त्री ने कहा कि, हमें अपनी गलतियों से सीखना होगा और जब आप विदेश में खेलने के लिए जाते हैं औऱ आजकल टीमों को विदेशी दौरे करते हुए देखते हैं तो कोई भी टीम इस वक्त विदेश में जाकर जीत हासिल करने में नाकाम रही हैं।
उन्होनें कहा ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 1990 के दशक में ऐसा किया था और साउथ अफ्रीका भी कुछ समय ऐसा करने में सफल रहीं और इन दोनों टीमों के अलावा कोई टीम ऐसी नहीं हैं जो विदेशी जमीन पर सीरीज जीतकर आयी हों। तो ऐसे में भारतीय टीम को निशाना बनाना सही बात नहीं हैं।
शास्त्री से दोबारा प्रश्न पूछने पर कहा कि तुमने और कप्तान कोहली ने कभी टीम से बात की कि साउथ अफ्रीका औऱ इंग्लैंड के दौरों पर उन्हें क्यो हार का सामना करना पड़ता है। तो इसमे कोच शास्त्री का कहना था कि हमने टीम से बड़े मौको पर फायदा उठाने की बात की। अगर आप टेस्ट सीरीज पर नजर डाले तो हमने कई मैच करीब से गंवाये और बड़े मौकों पर फायदा नहीं उठा सके, जिसके कारण हमें सीरीज गंवानी पड़ी।
शास्त्री से जब यह पूछा गया कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कमजोर नजर आती हैं तो उन्होनें कहा कोई टीम अपने घरेलू मैदानों में कमजोर नहीं होती, और उन्होनें यह भी कहा की हमारे गेंदबाजों को इस बार ऑस्ट्रेलियाई पिच पर गेंदबाजी करनें में मजा आएगा।
शास्त्रत्री ने यह भी कहा कि हार्दिक पांड्या के टीम में ना होने से उन्हें एक गेंदबाज की कमी हो सकती हैं, और अगर हमारे गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो वह हार्दिक पांड्या की कमी महसूस नहीं होने देंगे।