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    कार्गो जहाज

    भारतीय जलमार्ग का इस्तेमाल पहली बार दो देशों के बीच माल आवाजाही के लिए इस्तेमाल किया जा है। भूटान से 1000 मीट्रिक टन पत्थर को एमवी एएआई जहाज के जरिये ब्रह्मपुत्र का उपयोग कर बांग्लादेश भेजा जा रहा है। यह माल शुक्रवार को असम के धुबरी से भेजा गया था।

    भारत का अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का जहाज भूटानी माल के साथ बांग्लादेश के नारायणगंज तक पहुंच जाएगा।जहाज को राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने डिजिटल रूप से हरी झंडी दिखाई और इंडो बांग्लादेश इस प्रोटोकॉल मार्ग का इस्तेमाल करेंगे।

    इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि “इस मार्ग के माध्यम से कार्गो के परिवहन में यात्रा के समय में आठ से 10 दिनों की कमी आएगी और परिवहन लागत को 30 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।”

    भूटान में फुआंट्सोलिंग से असम के धुबरी तक ट्रकों में पत्थरों को ले जाया गया था और दोनों के बीच कुल दूरी 160 किलोमीटर है। यदि वही 1000 मीट्रिक टन पत्थर सड़क के मार्ग से ले जाए जाते हैं, तो 70 ट्रकों की आवश्यकता होती  है। मौजूदा वक्त में कम से कम 10 अन्य राष्ट्रीय जलमार्ग विकास किया जा रहा है।

    ब्रह्मपुत्र नदी राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या दो है।भारत अपनी नदियों का उपयोग कार्गो परिवहन के लिए तेजी से कर रहा है जो सड़कों पर परिवहन की तुलना में सस्ता है।

    लगभग 14,500 किलोमीटर के जलमार्गों में नदियाँ, नहरें आदि शामिल हैं। मौजूदा समय में अंतर्देशीय जल परिवहन प्रणालियों के जरिये प्रतिवर्ष लगभग 55 मिलियन टन माल का परिवहन किया जा रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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