रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना भारतमाला में निवेशकों के लिए पर्याप्त अवसर हैं। इस परियोजना की सफलता उचित समय पर भूमि अधिग्रहण तथा पर्याप्त फंडिंग पर निर्भर करती है।
कई खंडों में होगा सड़कों का विकास
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत आर्थिक कोरिडोर (9,000 किलोमीटर), इंटर कॉरिडोर और फीडर रूट (6,000 किलोमीटर), राष्ट्रीय कॉरिडोर क्षमता सुधार (5,000 किलोमीटर), सीमा सड़क और अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी (2,000 किलोमीटर), तटीय सड़कें और बंदरगाह कनेक्टिविटी (2,000 किलोमीटर), ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे (800 किमी), बैलेंस नेशनल हाईवेज डेवलपमेंट प्रोजेक्ट वर्क्स (10,000 किलोमीटर) आदि शामिल हैं।
अक्टूबर 2017 में पहले चरण को दी मंजूरी
कैबिनेट ने अक्टूबर 2017 मेंं भारतमाला परियोजना के पहले चरण की मंजरी दी थी। जिसके तहत 2021-22 तक 83000 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास करना है, जिसमें 24800 किमी. राजमार्गों का विकास भारतमाला परियोजना के तहत शामिल है।
भारतमाला परियोजना से बदलेगा देश का परिदृश्य
इक्रा ने अपने एक बयान में कहा कि, भारतमाला परियोजना में पूरे देश का परिदृश्य बदलने की क्षमता विद्यमान है, यदि इसे योजना अनुसार कार्यान्वित किया जाए। आपको बता दें, इस परियोजना के लिए सरकार 7 लाख करोड़ रूपए निवेश करने जा रही है।
अब तक बनी 43,307 किमी.सड़कें
कार्पोरेट रेटिंग इक्रा के वाइस प्रेसिडेंट शुभम जैन ने कहा कि देश में अब क्रियान्वित किए गए सबसे बड़े राजमार्ग परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) ने 17 वर्षों में 26,255 किलोमीटर की प्रगति हासिल की थी।
उन्होंने कहा कि पिछले 8 साल में कुल 61,977 किलोमीटर का ठेका आवंटित किया गया, जिसमें 43,307 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। पिछला ट्रैक रिकॉर्ड देखा जाए तो वित्तीय साल 2022 तक 83000 किमी. सड़कों का निर्माण करना काफी महत्वाकांक्षी दिख रहा है। एजेंसी ने कहा कि यह परियोजना अभी तक अपर्याप्त भूमि अधिग्रहण का सामना कर रही है।
घरेलू और विदेशी विनेश के लिए एनएचआईपीसी का गठन
राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए घरेलू और विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एनएचआईपीसी यानि राष्ट्रीय राजमार्ग निवेश संवर्धन सेल का गठन किया है। एनएचआईपीसी का मुख्य लक्ष्य वैश्विक संस्थागत निवेशकों, निर्माण कंपनियों तथा डेवलर्स और फंड मैनेजर्स के जरिए राजमार्ग परियोजनाओं में निवेश की भागीदारी सुनिश्चित कराना होगा।