भाजपा हाईकमान ने राज्यों में संगठनात्मक चुनाव जल्द कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में जिन प्रदेशों में चुनाव संपन्न नही हुआ है, वहां भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर गहमागहमी बढ़ गई है। इस बीच उत्तराखंड में किसी एक नाम पर सहमति नही बनने की सूरत में केंद्र की तरफ से कवायद शुरू हो गई है। इस सिलसिले में केंद्रीय नेताओं की एक टीम इन दिनों देहरादून में है, जो भाजपा के सभी बड़े नेताओं से राय ले रही है। भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे और पार्टी सचिव आर. पी. सिंह को पार्टी ने इसकी जिम्मेदारी दी है। सबसे पहले इन नेताओं ने संघ के वरिष्ठ लोगों के साथ विचार किया।
पार्टी हाईकमान की इच्छा है कि संगठन का चुनाव सर्वसम्मति से हो और इसके लिए क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को भी ध्यान में रखा जाए। माना जा रहा है कि रविवार तक ये नेता सभी संबद्ध लोगों से बातचीत कर लेंगे। उसके बाद पार्टी हाईकमान को इस बाबत रिपोर्ट दे दी जाएगी।
माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक शिवराज सिंह चौहान और अर्जुन राम मेघवाल 23 या 24 को देहरादून जाएंगे और विधिवत 25 दिसंबर को नए नाम का एलान कर देंगे। गौरतलब है कि अभी तक झारखंड, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, तेलगांना, असम, मणिपुर, त्रिपुरा राज्यों में संगठन के चुनाव नहीं हो पाए हैं। पार्टी की कोशिश है कि 14 जनवरी से पहले इन राज्यों में भी संगठनात्मक चुनाव करा लिए जाएं, ताकि रास्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 14 जनवरी के बाद कराया जाए।