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    मोदी और मैक्रॉनFrench President Emmanuel Macron gestures next to Indian Prime Minister Narendra Modi after a joint statement at the Chateau of Chantilly, near Paris, France August 22, 2019. REUTERS/Pascal Rossignol/Pool

    यूरोपीय संघ और सामाजिक समिति के पूर्व अध्यक्ष हेनरी मेलोस ने कहा कि “यूरोपियन यूनियन और भारत के बीच सम्बन्ध व्यापक हुए हैं जब से नरेंद्र मोदी की सरकार देश की सत्ता में आई है। हेनरी मेलोस ने लेख में लिखा कि भारत और ईयू के बीच सम्बन्ध हमेशा जटिल रहे हैं। भारत ने अखंडता का एक उदहारण दिया है जो यूरोप में इस्तेमाल हो सकता है।

    ब्रिटेन ने साल 1947 में भारत, पश्चिम और पूर्वी पाकिस्तान के विभाजन का जिम्मा उठाना था। लन्दन और ब्रुसेल्स ने दिल्ली पर इस्लामाबाद को तरजीह देकर उससे संबंधों को बेहतर बनाने के हक़ में रहा है। साल 2013 में भारत और ईयू के बीच द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता बंद हो गयी थी।

    लेख में कहा कि नेहरु और इंदिरा गाँधी जैसी भारत में मज़बूत शख्सियत को काफी अरसा गुजर चुका है। लेकिन इस प्रचंड जीत ने साबित कर दिया है कि लोगो को मोदी को उंचाइयो पर ले जाने में यकीन है। भारत सबसे तीव्रता से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है और जल्द ही पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। साल 2019 में फ्रांस और ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा।

    उन्होंने हालिया चुनौतियों को रेखांकित किया है जिससे भारत जूझ रहा है इसमें आतंकवाद शामिल है। उन्होंने कहा कि वास्तव में मोदी हिन्दू, मुस्लिम और इसाइयों की रक्षा के लिए चिंतित है। आतंकवाद पर नियंत्रण कर वह संसाधनों तक पंहुचना चाहते हैं। पश्चिमी प्रेस ने प्रधानमन्त्री मोदी के अनुच्छेद 370 को हटाने के विरोध में बयान देने का चयन किया था।

    पाकिस्तान वह देश है जिसने ईयू को तरजीह व्यापार साझेदार का दर्जा दिया है जिसके बाबत ईयू को चिंतित होना चाहिए। मोदी की हालिया फ्रांस की यात्रा पर हेनरी ने कहा कि यूरोप को अपनी नीति में परिवर्तन कर भारत को प्रमुख व्यापार साझेदार बनाना चाहिए।

    भारत आधुनिक मांग का व्यापार साझेदार है और चीनी कम्युनिस्ट राष्ट्र से ज्यादा आकर्षित, जिम्मेदार और सतत  राष्ट्र भारत है। टेक्नोलॉजी और क्षमता क आधार पर विश्व में अबसे बड़ा बाज़ार भारत है। भारत के समक्ष न्जिवेश और क्षमता  है और वह यूरोप में निवेश को तैयार है और इसके पीछे उनका कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है। भारतीय बाज़ार तीव्रता से बढ़ रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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