राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप लगते हुए कहा कि चुनावों के वक़्त आखिरी समय में भाजपा को मुख्य मुद्दों के बजाये धार्मिक ध्रुवीकरण करने की आदत है लेकिन इस बार उनकी चाल कामयाब नहीं होगी।
पायलट ने कहा कि पिछले 4 सालों में किसी ने राम मंदिर और अयोध्या का जिक्र नहीं किया लेकिन जब उपचुनावों ने लगातार हार होने लगी तो उन्हें राम मंदिर की याद आ गई। राम मंदिर मुद्दा उनके लिए तिनके का सहारा है।
पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में सचिन पायलट ने भाजपा पर आरोप लगाया कि एक भी मुस्लिम को टिकट न देकर उन्होंने उत्तर प्रदेश की चाल यहाँ चलनी चाही लेकिन टोंक के लोगों ने इस चाल को सफल नहीं होने दिया।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में राम मंदिर को केन्द्रीय मुद्दा बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये बस जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाने की रणनीति है। उन्होंने कहा कि जनता किसानों की दुर्दशा, बेरोजगारी, बैकों के बुरे हालात, आंतरिक सुरक्षा, महंगाई के बारे में बात करना चाहती है लेकिन भाजपा इन सवालों के जावाब देने के बजाये हिन्दू मुस्लिम और मंदिर-मस्जिद कर रही है। उन्होंने कहा कि मंदिर, मस्जिद और चर्च बनवाना सरकार काम नहीं है। सरकार का काम है लोगों को रोजगार देना, महंगाई को नियंत्रित करना ना कि लोगों के बीच दीवार खडी करना।
वसुंधरा सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने पिछले 5 सालों के कार्यकाल को असंवेदनशील, गैर जिम्मेदाराना और तानाशाही वाला बताया।
टोंक को चुनाव लड़ने के लिए चुनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘राहुल गाँधी चाहते थे कि मैं टोंक से चुनाव लडूं। मेरे लिए टोंक सीट को चुनना भी पार्टी का काम था। उन्होंने मुझे टोंक से लड़ने को कहा और मैं लड़ रहा हूँ। पार्टी का आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है।’
राजस्थान में 200 सीटों के लिए 7 दिसंबर को वोट डाले जायेंगे।