सीटों के बंटवारे को लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच चल रही रस्साकसी आखिरकार खत्म हो गई। दोनोें पार्टियों आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में साथ लड़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक इसकी अधिकारिक घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी।
हालांकि काफी विचार-विमर्श के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शिवसेना को समझाने में सफल रहे। जानकारी के मुताबिक लोकसभा के लिए शिवसेना 23 और भाजपा 25 सीटों पर चुनाव लडे़गी। कुल 288 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा 145 और शिवसेना 143 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
इससे यह देखा जा सकता है कि भाजपा ने शिवसेना के लिए अपने कुछ निर्वाचित क्षेत्रों की कुर्बानी दी है। काफी दिनों से विधानसभा सीटों को लेकर भाजपा व शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं की बातचीत आखिरकार एक मुकाम पर आ गई है। इस बीच दोनों ही पार्टियों ने अपने दम पर चुनाव लड़ने के नारे दिए थे, लेकिन राजनीतिज्ञ विश्लेषकों को यह अनुमान पहले ही था कि मौजूदा परिस्थितियों के देखते हुए दोनों पार्टियां गठबंधन करेंगी।
दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई चर्चा से यह सामने आया कि शिवसेना को विदर्भ की सीट में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्हें मुंबई, पुणे और नासिक की सीटें चाहिए। इसलिए भाजपा अपने विधानसभा क्षेत्र की कुछ सीटें शिवसेना के लिए छोड़ रही है।
कुछ दिनों पहले शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत मीडिया के सामने आक्रमक तरीके से ‘एकला चोलो रे’ की बात कर रहे थे। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू के एक दिवसीय धरने में हिस्सा भी लिया था।
हालांकि भाजपा व शिवसेना दोनों ने ही अबतक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की है इसलिए इन सीटों की सहमति को अफवाह भी माना जा सकता है।