भाजपा-शिवसेना ने महाराष्ट्र में हुए गठबंधन की अधिकारिक घोषणा कर दी है। दोनों पार्टियों ने आखिरकार साथ चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में उनकी सहयोगी पार्टी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) को इसमें शामिल नहीं किया है।
आरपीआई के प्रमुख व राज्यसभा के सदस्य रामदास आठवले इससे नाराज है। उन्होंने पीटीआई को कहा है कि,”इन दोनों पार्टियों को गठबंधन के लिए मनाने में हमारा बहुत अहम योगदान है लेकिन इन्होंने एक बार भी हमारे बारे में नहीं सोचा है। दोनों ही पार्टियों ने साथ मिलकर सीटों का बंटवारा कर लिया और हमारे लिए एक सीट तक नहीं छोड़ी।”
उन्होंने यह भी बताया कि, “हमारी ओर से मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा सीट की थी लेकिन उन्होंने वह भी ठुकरा दी।” दलित समुदाय के अठावले मुंबई उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य थे।
फिलहाल में मुबंई दक्षिण मध्य लोकसभा निर्वाचित क्षेत्र शिवसेना के हिस्से में आया है। बीते सोमवार को दोनों पार्टी प्रमुखों ने साथ आकर इस गठबंधन की घोषणा की थी। बताया गया कि कुल 48 सीटों में से भाजपा 25 और शिवसेना 23 पर चुनाव लड़ने वाली है।
2014 चुनाव में दोनों ही पार्टियां अकेले-अकेले चुनाव लड़ी थी। बाद में उन्होंने सरकार बनाने के लिए गठबंधन किया था। पिछले कुछ सालों में शिवसेना लगातार भाजपा पर हमलावर रहा है। उन्होंने भाजपा को कटघरे में लेने का एक भी मौका नहीं छोड़ा।