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    भाजपा ने दिल्ली के रामलीला मैदान में पकाई 5,000 किलो की खिचड़ी

    लोक सभा चुनाव की तैयारियां इन दिनों जोरो शोरो से चल रही हैं। राजनीति में इसकी तपिश देखी जा सकती है और इसी गर्मी से भाजपा ने दलित वोट बैंक जीतने का फैसला लिया है। उन्होंने दलितों को रिझाने के लिए, रविवार वाले दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में एक भव्य खिचड़ी की दावत रखी थी जिसमे 5,000 किलो की ‘समरस्ता खिचड़ी’ पकाई गयी और उसे ‘भीम महासंगम’ कार्यक्रम के माध्यम से परोसा गया।

    पार्टी के नेताओं ने बताया कि ये समारोह भाजपा दिल्ली की तरफ से आयोजित किया गया था जो मूल रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए था। हालांकि भाजपा और दलित नेता उदित राज इस समारोह से गायब थे जो काफी शक पैदा कर रहा था मगर पार्टी के नेताओं ने कहा कि उनकी गैर-मौजूदगी पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए।

    पार्टी के नेताओं ने दावा किया है कि लगभग 5000 किलोग्राम की खिचड़ी को इस मौके पर पकाया गया और परोसा गया। रसोइये के मुताबिक, खिचड़ी को 400 किलो चावल, 100 किलो मसूर की दाल, 350 किलो की सब्जियां, 100 किलो का देसी घी, 100 किलो का तेल, 2,500 लीटर पानी और 250 किलो के मसालों से तैयार किया गया था।

    इस ‘समरस्ता खिचड़ी’ को एक ही बर्तन में पकाया गया था। इसमें इस्तेमाल होने वाले चावल और मसूर की डाल को दिल्ली के करीबन तीन लाख दलित घरों से जमा किया गया था। इसका उद्देश्य वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करना था।

    इस खिचड़ी को नागपुर के विष्णु मनोहर ने पकाया था जिन्होंने पहले 3000 किलोग्राम की खिचड़ी बनाकर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया हुआ है।

    उन्होंने बताया-“मैं चाहता हूँ कि खिचड़ी को भारत का राष्ट्रीय भोजन घोषित कर देना चाहिए। हर देश के पास अपना एक भोजन है- चीन के पास सुशी, इटली के पास पिज़्ज़ा मगर भारत के अपना कोई भोजन नहीं। मैं दिल्ली आया ताकी केंद्र सरकार मुझे सुन सकें। खिचड़ी एक ऐसी चीज़ है जिसे शाम में लगभग 80% घरों में खाया जाता है। अमीर भी इसे खाता है क्योंकि उसे ज्यादा तेल वाली चीज़े नहीं खानी और गरीब भी खाता है।”

    दिल्ली के भाजपा SC मोर्चा के अध्यक्ष मोहन लाल गिहारा ने कहा कि खिचड़ी राम-लीला मैदान में आने वाले लगभग 25,000 लोगों परोसी गयी थी।

    उनके मुताबिक, “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि यहां थे और 5,000 किलोग्राम खिचड़ी तैयार की गई थी जिसे 25,000 लोगों ने खाया था।”

    रामलीला मैदान में, ‘जय भीम’, ‘जय हिन्द’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लग रहे थे। पार्टी नेताओं ने कहा कि ये समारोह ‘सद्भाव निर्माण’ के लिए था, नाकी आगामी लोक सभा चुनाव के लिए कोई राजनीतिक समारोह था।

    दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि ये समारोह सभी राजनीतिक पार्टियों को ये सन्देश देगा कि उन्हें विभाजनकारी राजनीति को छोड़कर एकता बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।

    उनके मुताबिक, “ये डाल और चावल तीन लाख घरों से लिए गए थे और अगर वे हम हमसे खुश नहीं होते तो वे योगदान नहीं देते। ये खिचड़ी सन्देश है कि नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बनने वाले हैं।”

    कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की खिचाई करते हुए उन्होंने कहा-“अरविन्द केजरीवाल और राहुल गाँधी, क्या आप लोग समारोह को लेकर परेशान हैं? हमने यहाँ तक कि हर राजनीतिक पार्टी को इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था। अगर उन लोगों को एकता की चिंता होती तो ममता बनर्जी, केजरीवाल और बाकी लोग जरूर आते।”

    केन्द्रीय मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि ये समारोह उन लोगों के लिए मुँह-तोड़ जवाब है जो लोग देश को जाति, क्षेत्र और धर्म के नाम पर बाटते हैं।

    जब उनसे उदित राज की गैर-मौजूदगी के बारे में पूछा गया और क्या ये पार्टी में चल रही किसी प्रकार की नाराज़गी के संकेत हैं तो उन्होंने कहा-“क्या आप लोगों को यहाँ और दलित नेता नहीं नज़र आ रहे हैं? अगर कोई आया है या नहीं आया, मुझे नहीं पता। ऐसे कई दलित नेता और कार्यकर्त्ता हैं। वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री थावरचंद गहलोत यहां हैं। आप अपनी सुविधानुसार अर्थ निकाल देते हैं।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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