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    sachin pilot

    3 दिन रह गए हैं राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में। आखिरी दौर में सभी पार्टियाँ ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार कर रही है। टोंक से चुनाव लड़ रहे राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने व्यस्त चुनाव प्रचार से थोडा सा समय निकाल कर टाइम्स ऑफ़ इण्डिया को अपना इंटरव्यू दिया जिसमे उन्होंने कांग्रेस की संभावनाओं से लेकर भाजपा की संभावनाओं तक पर विस्तार से बात चीत की।

    जैसे जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है भाजपा दावा कर रही है कि वो अपनी खोई जमीन हासिल कर रही है, क्या ये सच है?

    ये बस एक झूठा प्रचार है भाजपा का। जब उन्होंने 5 साल में कुछ नहीं किया तो एक हफ्ते क्या क्या कर लेंगे। वसुंधरा जी ने जैसा बुरा प्रशासन दिया है उसे लोग भूल नहीं सकते। अगर उन्हें लगता है कि दिल्ली से कुछ नेताओं को ला कर झूठे वादे कर के वो लोगों के गुस्से को कम कर देंगी तो मुझे उनसे सहानुभूति है।

    वसुंधरा राजे कहती हैं कि सत्ता विरोध जैसा कुछ नहीं है राजस्थान में, ये सिर्फ विपक्ष का प्रचार है। आप क्या कहेंगे इस बारे में ? 

    वसुंधरा जी पहले दिन से ही जनता का गुस्सा झेल रही है। वो पुरे 5 साल जनता से कटी रहीं। राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान उन्हें बस छोड़ कर हेलीकाप्टर से उड़ान भनी पड़ी क्योंकि लोग सड़कों पर आन्दोलन कर रहे थे। उनके किसी भी रैली में लोगों के काले कपडे पहनने पर पाबंदी है, क्योंकि उन्हें डर है कि लोग उनके सामने काले कपडे झंडे के रूप में लहराने लगेंगे। हर चुनाव चाहे वो लोकसभा का उपचुनाव हो या विधानसभा का, पंचायत चुनाव हो या जिला परिषद्, नगर पालिका  … हर चुनाव में सत्ता विरोधी लहर था।

    वसुंधरा कहती हैं कि उन्होंने विकास के काम शुरू किये लेकिन राज्य की सूरत बदलने के लिए उन्हें और वक्त चाहिए। क्या 5 साल नेताओं के वादों को पूरा करने के लिए छोटा वक़्त है? 

    आहार पहले कई सरकारों ने ये काम 5 सालों में किया है तो वसुंधरा जी के लिए 5 साल कम कैसे पड़ गए? अगर उन्होंने पहले दिन से ही काम शुरू कर दिया होता तो आज नतीजे सामने दिखते। अन्य सरकारें काम करती है तो उन्हें वोट मिलते हैं लेकिन वसुंधरा जी के अनदेखा, अहंकार और नीतियों के कारण जनता के नाजाय वो कुछ ख़ास लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध हुई। जनता उन्हें एक और मौका नहीं देगी।

    भाजपा की तरफ से मोदी, योगी, अमित शाह और राजनाथ सिंह जैसे स्टार प्रचारक राजस्थान में चुनाव प्रचार कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस की तरफ से सिर्फ राहुल गाँधी। क्या ये आपकी रणनीति है या आपको विश्वास है कि आप जीत रहे हैं ? 

    आपने जिन लोगों के नाम लिए वो सब सत्ता में है – प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री। लेकिन जब राजस्थान को उनकी जरूरत थी तब वो कहाँ थे? वो राजस्थान को स्पेशल पैकेज दे सकते थे, बड़े प्रोजेक्ट दे सकते थे, पानी की समस्त को हल करने के लिए फंड दे सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि वसुंधरा जी और दिल्ली के नेतृत्व के बीच सब ठीक नहीं चल रहा था। राजस्थान के लोगों को उनके आपसी झगडे का परिणाम भुगतना पड़ा।

    क्या कांग्रेस प्रतिक्रिया की राजनीति कर रही है? भाजपा जब मंदिर, गाय और धर्म की बात कर रही है तो क्या कांग्रेस ने भी जनहित के मुद्दों को किनारे रख इसमें उलझ गई है? 

    अगर आप राजस्थान कांग्रेस का घोषणापत्र देखेंगे तो पायेंगे कि उसमे सिर्फ उन्ही मुद्दों का जिक्र है जिससे आम आदमी का सरोकार है। युवा लोग, शिक्षा, रोजगार, किसान पेंशन, ऋण माफ़ी। भाजपा के लोग मुख्य मुद्दों से भागने की कोशिश करते हैं कांग्रेस नहीं।

    कांग्रेस कितनी सीट जीतने की उम्मीद कर रही है? 

    मैं अंदाजा नहीं लगा सकता लेकिन 5 सालों तक राजस्थान घूमने और मिले फीडबैक के आधार पर मैं ये कह सकता हूँ कि भाजपा 50 सीट से ज्यादा नहीं जीत पाएगी। वो सपनो की दुनिया में जी रहे हैं। मोदी, योगी और शाह सब ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके और वसुंधरा जी के बीच सब ठीक है। जनता ने तय कर लिया है कि वो ना सिर्फ कांग्रेस को जिताएगी बल्कि भाजपा को एक सबक भी सिखाएगी।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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