पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हाल ही में भारत में भारतीय जनता पार्टी की जीत से कश्मीर मसले का समाधान निकालने में आसानी का बयान दिया था जिसकी भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में काफी आलोचनाएं हो रही है। पाकिस्तान के महमूद कुरैशी ने कहा कि “पाकिस्तान के वजीर-ए-आलम का बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है।”
विदेश मामलो की सीनेट को सम्बोधित करते हुए शाह महमूद कुरैशी ने भारत की मीडिया पर इस बयान को सनसनीखेज रूप में पेश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि इमरान खान के बयान को गलत तरीके से प्रकाशित किया गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि “यदि नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा आगामी लोकसभा चुनावो में जीत हासिल करती है तो भारत के साथ शान्ति वार्ता करने का बेहतर मौका मिलेगा। अगर विपक्षी पार्टी कांग्रेस की सरकार सत्ता में आती है तो कश्मीर के मसले पर किसी समझौते की सम्भावनाये कम हो जाएगी क्योंकि दक्षिणपंथी सरकार इसका कड़ा विरोध करेगी।”
इस बयान पर सफाई देते हुए कुरैशी ने कहा कि “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का नरेंद्र मोदी पर विचार रिकॉर्ड में हैं। सिर्फ भारत के मतदाता ही निर्णय करेंगे कि आगामी आम चुनावो में किसको जीताना है और किसको हराना है।”
भारत और पाकिस्तान के मध्य इस वक्त जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले की वजह से तनाव जारी है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित जैश ए मोहम्मद ने ली थी और इसमें भारत के 40 सैनिकों की मृत्यु हुई थी। इसकी जवाबी प्रतिक्रिया में भारत ने बालाकोट में स्थित आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर हवाई हमला किया था।
इसके बाद पाकिस्तान ने प्रतिकार के लिए भारत की सेना के ठिकानों पर हमला करने की नाकाम कोशिश की और इसमें भारत ने पाकिस्तानी वायुसे ने एफ 16 विमान को मार गिराया था। भारत के वायुसेना के पायलट अभिनन्दन वर्तमान को पाकिस्तान ने हिरासत में ले लिया था और इसके बाद वैश्विक दबाव में आकर भारत को वापस सुपुर्द कर दिया था।