अपने बंगाल ‘रथ यात्रा’ के साथ कानूनी पेच में फंसने के बाद, भाजपा की राज्य इकाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनवरी और फरवरी में दो-तीन रैलियां कर रही है।
भाजपा ने तीन लोकतंत्र बचाओ रथयात्रा निकालने की योजना बनायी थी। अलग अलग दिशाओं से शुरू होने वाली यात्रा का कोलकाता में समापन होना था। लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने इस यात्रा की इजाजत नहीं दी जिसके भाजपा कोर्ट चली गई। कोल्कता हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने यात्रा की अनुमति दे दी लेकिन फैसले के खिलाफ बंगाल सरकार ने डबल बेंच में अपील कर दी। डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा कर भाजपा को झटका दे दिया जिसके बाद भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा को झटका देते हुए तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया था।
रथयात्रा के कानूनी पेंच में फंसने के बाद अब भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों पर ध्यान केन्द्रित करना शुरू कर दिया है। जनवरी और फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी की दो-तीन रैलियों की योजना बनाई गई है।
भाजपा के प्रमुख दिलीप घोष ने कहा, “हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की पहली रैली 29 जनवरी को हो सकती है। हमने कार्यक्रम दिल्ली भेज दिया है। अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है।”
प्रधानमंत्री की पहली रैली कोलकाता के केंद्र में ब्रिगेड परेड मैदान में आयोजित होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 19 जनवरी को इसी स्थल पर एक रैली भी करेंगी और देश के सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 22 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। भाजपा की प्रस्तावित रथयात्रा सभी 42 लोकसभा सीटों से होकर गुजरने वाली थी।
विगत कुछ सालों में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में अपना जनाधार बढाया है। कई उपचुनावों में भाजपा लेफ्ट और कांग्रेस को पीछे छोड़ दुसरे स्थान पर रही।