हनुमान जी के जाति के बारे में आश्चर्यजनक खुलासे होने का सिलसिला लगातार जारी है और इन खुलासो को करने का जिम्मा उठाया है भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले हनुमान जी को दलित बताया उसके बाद से उन पर कई जातियों ने अपनी जाति के होने का दावा ठोक दिया है।
कल एक भाजपा नेता बुक्कल नवाब ने दावा किया कि हनुमान जी मुसलमान थे क्योंकि ज्यातर मुसलमानों के नाम हनु’मान’ से प्रेरित होते हैं जैसे इमरान, फरमान, जीशान, कुर्बान, अरमान इत्यादि इत्यादि। उसके बाद अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद हरि ओम पाण्डेय ने ना सिर्फ हनुमान जी की बल्कि पुरे राम दरबार की जाति बता दी। उन्होंने हनुमान जी को ब्राह्मण बताया।
अब एक अन्य भाजपा नेता लक्ष्मी नारायण चौधरी ने हनुमान जी को जाट बताया है। उन्होंने कहा “मुझे लगता है हनुमान जी जाट थे, क्योंकि जाट जब किसी को मुसीबत में देखता है तो बिना सोचे समझे उसमे कूद पड़ता है। उस तरह हनुमान जी भी करते थे।” उन्होंने कहा “हनुमान जी की प्रवृति जातों से बहुत मिलती थी। जब रावण सीता जी अपहरण कर के ले गया तो वो तुरंत राम जी की मदद करने पहुँच गए।
चौधरी उत्तर प्रदेश सरकार में संस्कृति, अल्पसंख्यक, हज, मुस्लिम वक्फ, धार्मिक मामलों के मंत्री हैं। उन्होंने कहा “जो भी सनातन धर्म में विश्वास करता है वो भगवान हनुमान की आराधना जरूर करता है।
इससे पहले भाजपा से इस्तीफ़ा दे चुकी सावित्री बाई फुले ने भी हनुमान को दलित बताया था। उन्होंने कहा था कि हनुमान दलित थे औत मनुवादियों के गुलाम थे।
ये सारी बयांबाई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयां के बाद शुरू हुई जिसमे उन्होंने कहा था कि हनुमान दलित थे। राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने ये कहा था। उसके बाद भीम आर्मी क्ले अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण ने सभी हनुमान मंदिरों का प्रबंधन दलितों के हवाले करने की मांग की थी।