भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि भाजपा तेलंगाना सरकार को राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए 12 फीसदी आरक्षण नहीं लागू करने देगी।
वारांगल जिले के परकाला में एक रैली को सम्बोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ना कभी धर्म के आधार पर आरक्षण देगी और ना किसी को देने देगी।
उनका इशारा तेलंगाना विधानसभा में पास मुसलमानो को शिक्षा और रोजगार में 12 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार के पास भेजने की ओर था।
तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि उन्होंने राज्य में मुसलमानो को 12 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी।
अमित शाह ने टीआरएस सरकार के प्रस्ताव को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की याद दिलाई जिसमे कोर्ट ने 50 आरक्षण की सीमा तय की थी।
उन्होंने सत्ताधारी पार्टी टीआरएस से सवाल किया कि अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने के लिए समाज के किस वर्ग के आरक्षण में कटौती करेगी?
शाह ने कहा कि उनकी पार्टी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जातियों के हक़ के आरक्षण की रक्षा के लिए दीवार बन कर खड़ी है।
तेलंगाना में अपने चुनाव प्रचार के दौरान शाह ने दावा किया कि केवल भारतीय जनता पार्टी ऐसी सरकार देने में सक्षम है जो ओवैसी और उनकी पार्टी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के समर्थन पर आश्रित ना हो।
राज्य में 7 दिसंबर को 119 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। उन्होंने 7 दिसंबर का चुनाव राज्य का भविष्य तय करेगा।
शाह ने कहा कि केसीआर को मोदी की लोकप्रियता से डर लगता है इसलिए 2019 लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने के बजाये विधानसभा भंग कर राज्य पर अतिरिक्त करके का बोझ लाद दिया। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने तेलंगाना के विकास के लिए पिछले 4 सालों में राज्य सरकार को 2.30 लाख करोड़ रुपये दिए।