संसद में विपक्ष द्वारा शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। भारतीय जनता पार्टी के लिए यह आने वाले लोक सभा चुनावो से पहले विपक्षी दलों द्वारा एक चुनौती थी जिससे उसने आराम से पार पा लिया।
बता दे की इस अविश्वास प्रस्ताव की नीव टीडीपी द्वारा रखी गई और इस प्रस्ताव की अगुवाई कांग्रेस पार्टी ने करी जिसने भारतीय जनता पार्टी पर बहुत हमले किए। परन्तु जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के सवालों एवं हमलो का जवाब दिया तो कुछ मज़ाकिया अंदाज़ में उन्होंने विपक्ष की चुटकी ली।
इसके बाद जब मत हुए तो उसमे नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष को एक बहुत बड़ी बहुमत से हरा दिया एवं इस अविश्वास प्रस्ताव को गिरा दिया।
इस अविश्वास प्रस्ताव के गिरते ही विपक्ष एवं सरकार की तरफ से प्रतिक्रियाएं आने लगी। इसके तुरंत बाद टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना करी।
सचिवालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि “प्रधानमंत्री ने आंध्रप्रदेश के साथ किए गए वादे के साथ इंसाफ नहीं किया. राज्य को 2014 में विभाजन के बाद बहुत नुकसान उठाना पड़ा है”। मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘आंध्रप्रदेश के पांच करोड़ लोगों को उम्मीद थी कि (केंद्र सरकार को) पछतावा होगा और भूल सुधार की जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ”।
चंद्रबाबू ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री अहंकारी हैं। उन्होंने सत्ता का अहंकार दिखाया हैं। वह इस तरह बोले कि हमारे राज्य का उपहास उड़ाया गया। वह ओछी बातें कर रहे हैं।’’ इसके बाद तो प्रस्ताव के अन्य साथी दलों द्वारा भी भाजपा की कड़ी आलोचना हुई।
बता दे की अविश्वास प्रस्ताव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश का मुद्दा उठाया था एवं कहा था कि ”मैं आंध्र की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि केंद्र सरकार आंध्र की जनता के कल्याण में कभी पीछे नहीं रहेगी।”