नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर पूरे देश में मचे घमासान के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) गोरखपुर में अपने जनजागरण अभियान की समीक्षा के साथ-साथ राममंदिर पर चर्चा करने जा रहा है। आरएसएस ने 22 जनवरी से 27 जनवरी तक पूर्वी क्षेत्र की एक बैठक बुलाई है, जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी मौजूद रहेंगे।
सूत्रों के अनुसार, समान्यत: ऐसी बैठकों में संघ के शाखा विस्तार और उनकी सक्रियता जैसे मुद्दों पर चर्चा होती है, लेकिन वर्तमान में सीएए और जेएनएयू जैसे मुद्दों पर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ-साथ संघ को भी घेरा जा रहा है। इस दौरान इस मुद्दे पर रणनीति पर चर्चा की बातें सामने आ रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आने के बाद प्रयागराज के माघ मेले में 20 जनवरी को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में राम मंदिर निर्माण से लेकर अयोध्या के अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।
इसके अलावा जिस तरह से जेएनयू मुद्दे की आग बिहार व उसके आस-पास लगे क्षेत्रों में फैल रही है, इसकी जद में उप्र, बिहार के कई बड़े विवि और महाविद्यालयों के आने की संभावना को देखते हुए बैठक में इस मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा होगी।
संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के चार प्रांतों के प्रचारक और अन्य पदाधिकारी इस बैठक में शिरकत करेंगे। प्रचारकों, क्षेत्रीय और प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्यों के अलावा कुछ केंद्रीय टीम के लोग भी इसमें भाग लेंगे।
गोरक्षप्रांत के एक पदाधिकारी के मुताबिक, सम्मेलन के शारीरिक सत्र में प्रचारकों को चुस्त-दुरुस्त किया जाएगा तो बौद्घिक सत्र में उन्हें बौद्घिक कबड्डी के माध्यम से विभिन्न तरह की जानकारियां दी जाएंगी। इतना ही नहीं, व्यवस्था, प्रचार और संपर्क सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
करीब एक सप्ताह तक चलने वाले प्रांतीय सम्मेलन में शामिल प्रचारकों से ग्राम्य विकास, धर्म जागरण, सेवा, सामाजिक-समरसता एवं सद्भाव और सेवा श्रम से संबंधित कार्यक्रम व अभियानों की जानकारी ली जाएगी। सम्मेलन में सवाल-जवाब का सत्र भी रखा गया है। इसमें प्रचारकों और अन्य पदाधिकारियों की उत्सुकताओं और जिज्ञासाओं को शांत किया जाएगा।