Fri. May 3rd, 2024
भरत सोलंकी

भरत सिंह सोलंकी, जो गुजरात में आणंद से कांग्रेस के लोकसभा के उम्मीदवार हैं, का कहना है कि वे इस सीट को बीजेपी से जीत सकते हैं और पुरे राज्य में यही एक ऐसी सीट है, जिसे कांग्रेस आसानी से जीत सकती है।

उन्होनें कहा कि यदि कांग्रेस गुजरात में इस सीट को जीतने में नाकाम होती है, तो पार्टी अन्य 26 सीटों में से किसी पर भी जीत हासिल नहीं कर सकती है।

जाहिर है 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी नें गुजरात राज्य में 26 में से 26 सीटें जीती थी।

आणंद को भारत की दूध की राजधानी कहा जाता है क्योंकि अमूल ब्रांड यहाँ से सम्बंधित है। इस सीट से सोलंकी 2004 और 2009 में जीत चुके हैं। ऐसे में इस बार इस सीट पर काफी निकट मुकाबला देखने को मिल सकता है।

बीजेपी नें इससे पहले अपने पूर्व सांसद दिलीप पटेल को इस सीट से टिकट नहीं दी थी। इन्हीं दिलीप सिंह नें 2014 में मोदी लहर के चलते सोलंकी को हराया था।

आणंद को गुजरात में कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है। कांग्रेस नें इस सीट से 10 बार लोकसभा चुनाव जीता है, जबकि बीजेपी सिर्फ 3 बार ऐसा कर पाई है।

कांग्रेस की 10 जीत में से पांच पर सोलंकी के नाना ईश्वर चावड़ा नें 1980 से 1998 के बीच इस सीट को जीता था।

बीजेपी के मितेश पटेल का मानना है कि यहाँ के लोग बीजेपी को वोट देंगे क्योंकि वे नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं जबकि सोलंकी का मानना है कि रोजगार, रोटी-कपड़ा-मकान जैसे मुद्दों पर ध्यान देकर कांग्रेस इसे जीतेगी।

गुजरात में सोलंकी 2015 से 2017 के बीच राज्य की कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। ऐसे में वे इस चुनाव में जाने से पहले काफी उत्साहित हैं।

2014 में सोलंकी की हार के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि जनता के प्रति उनका जुड़ाव कम रहा था, जिसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।

एक व्यक्ति नें बताया, “कांग्रेस के अन्क्लाव से विधायक और सोलंकी के भाई अमित चावड़ा इस सीट के लिए बेहतर विकल्प होते। चावड़ा की तरह लोगों से लगाव सोलंकी नहीं रख पाते हैं। जब वे सांसद और मंत्री थे, तब वे बड़ी मुश्किल से यहाँ दिखाई पड़ते थे।”

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *