उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को कहा कि राम जन्माभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसले का सर्वोच्च न्यायालय को विशेषाधिकार हो सकता है लेकिन भगवान राम के लिए एक भव्य मंदिर जरूर बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में भगवान राम की एक भव्य मूर्ति की स्थापना को राम मंदिर से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा मंदिर निर्माण के लिए व्यापक आंदोलन चलाने से संकोच नहीं करने के बयान के बाद भाजपा नेता ने कहा कि मुगल सम्राट बाबर के नाम पर एक पत्थर स्थापित करना अब असंभव होगा।
मौर्या ने कहा कि ‘अयोध्या में मंदिर के निर्माण के मुद्दे पर मैंने बार-बार कहा है कि फैसले का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के पास लेकिन रामलला के लिए एक भव्य मंदिर जरूर बनेगा। अब अयोध्या में बाबर के नाम का एक भी पत्थर रखना असंभव है।’
मौर्या ने कहा कि जब तक मामला कोर्ट में है तब तक न तो याचिकाकर्ता और न ही सरकार कुछ कर सकती है।
अयोध्या में सरयू किनारे भगवान् राम की 151 मीटर ऊँची मूर्ती स्थापित करने के खबरों पर मौत्य ने कहा कि इस मूर्ती को राम मंदिर से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए।
अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या में भव्य राम प्रतिमा के घोषणा करने की संभावना है।
मौर्या ने कहा कि राम मंदिर बनाना और राम की प्रतिमा स्थापित करना दो अलग अलग चीजें हैं।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि “हमें लगता है कि अयोध्या विकसित होनी चाहिए, और भगवान राम के हर भक्त भी ऐसा महसूस करते हैं। पिछले 15 वर्षों में अयोध्या का कोई विकास नहीं हुआ है। हमारी सरकार के गठन के बाद अयोध्या का विकास शुरू हुआ। अयोध्या को और विकसित किया जाएगा।