भारतीय रेलवे अब अपनी सुरक्षा के मापदंडों को और ऊपर उठाने के लिए प्रयासरत है। इसी क्रम में अब भारतीय रेलवे सुरक्षा की दृष्टि से हवाई जहाज़ की तर्ज़ पर अपनी ट्रेनों में भी ब्लैक बॉक्स तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है।
इसके तहत रेलवे सभी इंजन केबिन में आठ उच्च तकनीक से लैस सीसीटीवी कैमरा को लगाने जा रही है। इनमें से 6 कैमरा अंदर की औडियो और विडियो को रिकॉर्ड करेंगे, जबकि 2 कैमरे नाइट विजन तकनीक से लैस होंगे, ये दोनों कैमरे इंजन के सामने पड़ने वाले ट्रैक पर अपनी नज़र बना कर रखेंगे।
ये सभी कैमरे डिजिटल विडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) से जुड़े हुए होंगे। वहीं हवाई जहाज़ की तर्ज़ में ही इस डीवीआर को इंजन के सबसे सुरक्षित हिस्से में रखा जाएगा।
रेलवे से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि डीवीआर को भीषणतम दुर्घटना में भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
रेलवे इस तकनीक के माध्यम से दुर्घटनाओं के दौरान इंजन के भीतर और बाहर बनने वाले माहौल का विश्लेषण करने की कोशिश करेगी।
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मालूम हो कि पिछले महिने दशहरा के मौके पर अमृतसर रेल दुर्घटना के चलते रेलवे को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। उस घटना में करीब 60 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
इस संबंध में बोलते हुए उत्तर रेलवे के मुख्य पीआरओ दीपक कुमार ने बताया है कि जब भी कोई रेल दुर्घटना होती है, तब यह आरोप लगाया जाता है कि ट्रेन का ड्राइवर उस दुर्घटना को होने से रोक सकता था, रेलवे ने इसी खाई को पाटने के लिए कदम उठाया है।
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रेलवे के अधिकारियों के अनुसार डीवीआर में 90 दिनों की ऑडियो और विडियो को रिकॉर्ड करने की क्षमता है। पहले चरण में रेलवे नए इंजनों में यह तकनीक इस्तेमाल कर रही है। ये सभी इंजन फिलहाल कोलकाता में तैयार हुए हैं।
इन सभी इंजनों को फिलहाल गाज़ियाबाद में लाया गया है, अब यहीं से ये सभी इंजन राजधानी एक्स्प्रेस, गतिमान एक्स्प्रेस और शताब्दी एक्स्प्रेस में इस्तेमाल किए जाएँगे।
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