ब्रिटेन में ब्रेक्सिट के शुरूआती दौर से ही प्रधानमन्त्री थेरेसा मे कई तरह की आलोचनायें झेल रही है और अब उनकी पार्टी के संसद ही उनके खिलाफ विरोध जता रहे हैं। ब्रिटिश प्रधानमन्त्री ने बुधवार को 200 सांसदों की बदौलत विश्वास प्रस्ताव तोह जीता लिया लेकिन अपने 117 यानी दो तिहाई सांसदों का भरोसा खो बैठी हैं। यह 117 संसद थेरेसा मे की ब्रेक्सिट नीति से नाखुश है और सदन में यही सांसद बटें हुए नज़र आये थे।
ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से मार्च 2019 में को अलग होना है। बुद्धवार को हुई मतदान प्रक्रिया के तहत ब्रिटेन को ईयू से बिना किसी समझौते के बाहर होना पड़ सकता है।
विषय-सूचि
अविश्वास प्रस्ताव ?
ब्रेक्सिट डील पर हफ्तों से चल रही कलह के बाद के बाद संसद में अविश्वास प्रस्ताव को लाया गया था। लगभग 48 कन्जर्वेटिव सांसदों ने थेरेसा मे के नेतृत्व के खिलाफ प्रदर्शन पत्र दाखिल किया था। कन्जर्वेटिव बैकबैंचर का प्रतिनिधित्व करने वाली ग्राहम लेडी ने बुधवार को ऐलान किया कि उन्हें विश्वास प्रस्ताव को आगे बढाने के लिए पर्याप्त मत मिले थे। इस प्रस्ताव के कारण थेरेसा मे ने डबलिन की यात्रा को रद्द कर दिया था जहां वह अपनी आइरिश समकक्षी लियो वरोड़कर से मुलाकात करती और ब्रेक्सिट प्रस्ताव पर संभावित परिवर्तन के बाबत बातचीत करती।
विश्वास जीतने के बाद थेरेसा मे का इजहार
विश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद थेरेसा मे ने कहा कि वह ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अलग करने की अपनी नौकरी बखूबी कर कर रही है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि “यह एक यह खत्म न होने वाला और चुनौतीपूर्ण दिन था, हालांकि मे खुश हूँ कि इस कठिन दिन के अंत में मेरे सहयोगियों ने मुझे समर्थन किया था।” उन्होंने कहा कि वह आभारी है कि उनके समर्थको ने उन्हें मत दिया और उनके खिलाफ मतदान करने वालो को उन्होंने गौर से सुना था।
विरोधियों की राय
विपक्षी नेता जेरेमी कोर्ब्य्न ने कहा कि थेरेसा मे ने संसद में बहुमत खो दिया है और उनकी सरकार अभी उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि वह देश के लिए उपयुक्त ब्रेक्सिट समझौते को कर पाने में असमर्थ है। थेरेसा मे को सत्ता में बनाये रखने वाले नेता निगेल डोड्स ने कहा कि वह अभी भी आयरिश योजना पर चिंतित है और जिसके खिलाफ सभी सांसद है।