ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर हमले के पीछे तेहरान को कसूरवार ठहराया है। उन्होंने न्यूयोर्क में पत्रकारों को बयान दिया था। ईरानी राष्ट्रपति एक साथ मुलाकात के जवाब में ब्रितानी पीएम ने कहा कि “मैं कह सकता हूँ कि ब्रिटेन को लगता है कि अरामको में हमले के पीछे ईरान का हाथ है।”
उन्होंने ब्रिटेन की प्रेस एसोसिएशन न्यूज़ एजेंसी के हवाले से कहा कि “वह न्यूयोर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ मुलाक़ात करेंगे। वह फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन और जर्मन के चांसलर एंजेला मर्केल के साथ संयुक्त बैठक में हमले पर चर्चा करेंगे।”
जॉनसन ने पत्रकारों से कहा कि “हम सोचते हैं कि ईरान ड्रोन और क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल करने के लिए जिम्मेदार है। मुश्किल है कि हम कैसे इसे एक स्पष्ट वैश्विक प्रतिक्रिया दें। आगे बढ़ने की क्या प्रक्रिया है। हम अपने अमेरिकी दोस्तों और यूरोपीय मित्रो के साथ मिलकर कार्य करेंगे ताकि खाड़ी में तनाव को कम करने की कोशिश की जा सके।”
अमेरिका ने सऊदी अरब के अबक्किक प्लांट और खुरैस आयल फील्ड पर 14 सितम्बर को हवाई हमले के लिए तहरान को कसूरवार ठहराया था। इससे सल्तनत के 50 फीसदी तेल उत्पादन में परेशानी हुई है। ईरान ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है।
सऊदी पर हमले जी जिम्मेदारी ईरानी समर्थित हौथी विद्रोहियों ने ली थी। जॉनसन ने कहा कि “पहले हम सऊदी या अमेरिका से साफ़ तरीके से किसी भूमिका को निभाने पर विचार करेंगे।”
ब्रितानी प्रधानमन्त्री ने कहा कि “वह रूहानी के साथ मुलाकात के दौरान को नाज़नीन जाघरी-रेटक्लिफ मामले को उठाएंगे। ब्रितानी मूल की ईरानी मां को तेहरान में साल 2016 से रखा गया है। उन्होंने कहा कि “वह ईरान में पत्रकारों को प्रशिक्षित कर रही थी जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था।” जाघरी थोमसन रायटर्स फाउंडेशन के साथ प्रोजेक्ट मेनेजर के तौर पर कर रही थी।