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    ब्रिटेन के नवनिर्वाचित प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को वादा किया कि 31 अक्टूबर को यूरोपीय संघ से ब्रिटेन अलग हो जायेगा। उन्होंने कहा कि “उनकी नई और बेहतरीन डील ब्रिटेन के लिए विकास के दरवाजे खोलेगी ताकि वह शेष यूरोप के साथ मुक्त व्यापार और संयुक्त सहयोग आधारित नई और उत्साहित साझेदरी कर सके।”

    ईयू के साथ नया समझौता होगा

    अधिकारिक नियुक्त के बाद 10 डोविंग दफ्तर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि “हम एक नई डील करेंगे, एक बेहतर समझौता जो ब्रेक्सिट के अवसरों को काफी बढ़ा देगा और हमें शेष यूरोप के साथ एक नई और उत्साहित साझेदारी को मुकम्मल करने की अनुमति देगा जो मुक्त व्यापार और संयुक्त सहयोग पर आधारित होगी।”

    उन्होंने कहा कि “जिन लोगो ने ब्रिटेन के खिलाफ शर्त लगाई है, वह अपनी इज्जत गँवा देंगे क्योंकि हम अपने लोकतंत्र पर विश्वास को बहाल करने जा रहे हैं और हम संसद में लोगो से किये गए लगातार वादों को पूरा करने जा रहे हैं और 31 अक्टूबर तक ईयू से बाहर निकल जायेंगे, कोई अगर या मगर नहीं होगा।”

    जॉनसन के कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व को जीतने के साथ ही ब्रितानी राजनीति का एक अध्याय शुरू हुआ हैं और उन्होंने अधिकारिक तौर पर थेरेसा मे की जगह ली है। जॉनसन ने तीन महीने के कार्यकाल में ब्रेक्सिट को मुकम्मल करने का संकल्प लिया है जो पूर्व प्रधानमन्त्री मे तीन सालो में नहीं कर सकी थी।

    ब्रिटेन के बाहर निकलने के समझौते को संसद में तीन बार खारिज किया जा चुका है। राजनीतिक उथल पुथल के बाद मई में थेरेसा मे ने इस्तीफा देने का ऐलान किया था। जॉनसन ने कहा कि “अगर वह नए समझौते पर बातचीत नहीं कर सके तो वह तय तारीख पर ईयू से ब्रिटेन को अलग कर देंगे।

    यूरोपीय संसद के ब्रेक्सिट स्टीयरिंग ग्रुप ने कहा कि “अगर नुकसान दोनों पार्टियों को एकसमान दंड नहीं देगा तो बगैर समझौते बाहर निकलना आर्थिक रूप से बेहद नुकसानदेह हो सकता है।”

     

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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