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    ईरान का टैंकर

    ईरान के रक्षा मंत्री ने सोमवार को ब्रिटेन द्वारा ईरान के तेल टैंकर को गिब्राल्टर बंदरगाह पर हिरासत में लेने पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। रक्षा मंत्री आमिर हतामी ने अर्ध सरकारी न्यूज़ एजेंसी के हवाले से कहा कि “टैंकर को हिरासत में लेना हम बर्दाश्त नहीं करेंगे और बगैर प्रतिक्रिया के इस मामले को रफादफा नहीं करेंगे ”

    यह समुंद्री डकैती है

    दक्षिणी ईरान के बन्दर अब्बास बंदरगाह पर एक आयोजन में उन्होंने कहा कि “यह कदम अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है और एक तरीके की समुंदरी डकैती है।” 1000 फीट के ग्रेस 1 को गुरूवार को गिब्राल्टर में ब्रितानी पुलिस और कस्टम ने हिरासत में ले लिया था। इस जहाज में 20 लाख बैरल तेल ढोने की क्षमता है।

    गिब्राल्टर में विभागों ने कहा कि “यह टैंकर सीरिया को कच्चा तेल पंहुचा रहा था और यह सरासर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन है।” तेहरान ने आरोपों को ख़ारिज किया है और दावा किया कि इस जहाज को अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से हिरासत में लिया गया था।

    इस क्षेत्र के अटॉर्नी जनरल ने बताया कि गिब्राल्टर की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को आदेश दिया कि इस टैंकर को 14 और दिन हिरासत में रखा जा सकता है। जहाज को जब्त्त करने का मामला तब सामने आया जब ईरान और ईयू के बीच सम्बन्ध काफी बिगड़े हुए हैं।

    अमेरिका ने साल 2015 में ईरान और वैश्विक ताकतों के साथ हुई संधि को तोड़ दिया था और ईरान पर सभी प्रतिबंधों को लागू कर दिया था। अमेरिका का विशेष निशाना ईरान का तेल निर्यात और बैंकिंग प्रणाली थी। इसके बाद ईरान ने संधि को बचाने के लिए यूरोपीय राष्ट्रों को धमकी दी है।

    तेहरान ने संधि के शेष साझेदारो से संधि की कई प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने की धमकी दी थी। अधिकारीयों के हवाले से मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया गया कि ईरान यूरेनियम संवर्धन की मात्रा में वृद्धि कर रहा है। वह संधि के तहत इसकी सीमा 3.67 प्रतिशत के पार ले जायेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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