ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ अपनी ताकतों को अगले दो वर्षों में प्रिंस चार्ल्स के सुपुर्द कर देंगी और इस दौरान वह 95 वर्ष की हो जाएगी। वह अप्रैल में 93 वर्ष की हो गयी थी और अगले दो वर्षों में वह सभी अपनी राजशाही ताकतों को प्रिंस चार्ल्स को सौंप देंगी।
द रेगान्सी एक्ट के तहत कोई भी शासक अपनी ताकतों को त्याग सकता है अगर वह अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में असमर्थ है। ताकत के सौंपने के बावजूद एलिज़ाबेथ के समक्ष राजशाही टाइटल रहेगा लेकिन चार्ल्स अधिकतर जिम्मेदारियों को निभाएंगे। वह अपने पति प्रिंस फिल्लिप के साथ गार्डियन ऑफ़ क्वीन बन जाएँगी।
इसे पारित करने के लिए प्रिंस फिलिप को संसद के प्रवक्ता के साथ और एक तीसरे आला व्यक्ति के साथ महारानी के आग्रह के समर्थन में सबूत मुहैया करने होंगे। रॉयल लेखक फिल दाम्पिएर ने कहा कि “यहाँ बात हो रही है कि जब महारानी 95 की हो जाएँगी, तो वह पद त्याग देंगी और सम्भावना है कि रेगेंसी एक्ट को लाया जायेगा। वह महारानी बनी रहेंगी लेकिन प्रिंस चार्ल्स उनकी अधिकतर जिम्मेदारियों का भार अपने कंधो पर ले लेंगे।”
उन्होंने कहा कि “प्रिंस ने यह पहले ही शुरू कर दिया है। उन्होंने संसद के शुरुआत के सत्र और राष्ट्रमंडल कांफ्रेंस में भाषण से इसका सबूत दे दिया है। वह कई सारी जिम्मेदारियों का भार उठा रहे हैं।” महारानी एलिज़ाबेथ ब्रिटेन राजशाही की सबसे वृद्ध और लम्बे समय से शासन करने वाली सशक्त महिला है। उनका राज्याभिषेक साल 1953 में हुआ था।