ब्रितानी युद्धपोत के कमांडर ने ईरान के साथ बढ़ने तनाव के बीच में कहा कि “तेहरान शाही सेना के धैर्य का इम्तिहान लेता नजर आ रहा है।” एचएमएस मोंत्रोस के कमांडर विलियम किंग ने कहा कि “खाड़ी की गश्त के 27 दिनों के दौरान ईरान की सेना के साथ हमारा 85 दफा आमना सामना हुआ है जिसके बाबत रेडियो पर दोनों पक्षों ने एक दूसरे को चेतावनियाँ भी दी है।”
तेहरान-ब्रिटेन का आमना सामना
उन्होंने कहा कि “इससे आप तीव्रता का अंदाजा लगा सकते हैं और शायद यह हालिया समय में हुए से काफी ज्यादा है। ईरानी हमारा सब्र का इम्तिहान लेने की कोशिश कर रहे हैं और अधिकतर समय हमारी प्रतिक्रिया की परीक्षा लेते हैं। वे दावा करते हैं कि हमारी मौजूदगी अवैध है जबकि हम पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय जल के नियमों का पालन करते हैं।”
उन्होंने कहा कि “उनकी नावे तेज रफ़्तार से हमारी तरफ आती है ताकि हमारी चेतावनी के स्तर को माप सके।” बहरीन में बीते वर्ष एक ब्रितानी नौसैन्य हब खोला गया था और तीन वर्षों के लिए मोंटारोस में तैनाती की गयी थी। ब्रिटेन को ईरान से जहाजो के बाबत खतरा भी है।
ब्रिटेन की शाही सेना ने 4 जुलाई को गिब्राल्टर के बंदरगाह से ईरान के एक तेल टैंकर को जब्त कर लिया था। यह तेल टैंकर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर सीरिया को तेल निर्यात कर रहा था। खाड़ी में मोंट्रोस की मौजूदगी के बावजूद 19 जुलाई को ईरान ने ब्रिटन के जहाज स्टेना इम्पेरो को जब्त कर लिया था।
ब्रिटेन ने सोमवार को ईरान से टैंकर की अदला बदली के विचार को ख़ारिज कर दिया था। साथ ही होर्मुज़ के जलमार्ग पर वैश्विक आवाजाही के लिए यूरोप के नेतृत्व में एक नौसैन्य रक्षण अभियान का गठन करने का प्रस्ताव दिया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंधों को बढ़ा दिया और सैन्य मौजूदगी में इजाफा किया ताकि तेहरान को परमाणु संधि पर वार्ता के लिए कायल किया जा सके।
किंग ने कहा कि “खाड़ी के जल पर भी ईरान के साथ संपर्क हमेशा पेशेवर और सौहार्दपूर्ण रहेगा। यह एक बेहतर समझ है, यह नौचालको के बीच सम्मान होगा जिसकी अब स्थापना की जाएगी।”