ब्रिटिश संसद के राजयसभा में 20 अप्रैल 1919 को अमृतसर में हुए जलियावाला बाग़ हत्याकांड पर चर्चा होगी और उस रक्तपात के लिए ब्रिटेन पर माफ़ी मांगने का दबाव बनाया जायेगा। ब्रितानी हुकूमत के दौरान ब्रिगेडियर जनरल डायर ने ब्रितानी सैनिकों को निहत्थे भारतीयों पर गोलियां बरसाने के आदेश दे दिए थे।
भारतीय मूल के नागरिक लार्ड मेघनाध देशाई और लार्ड राज लूंबा राज्यसभा में इस बहस की शुरुआत करेंगे। जो जनरल डायर के आदेश की आलोचना करेंगे। इस मकसद के लिए बनाई गई जलियावाला बाग सेंटेनरी कमेमोरेशन कमिटी के मुताबिक इस हत्याकांड के लिए क्षमा याचना की मांग की जाएगी।
देसाई और लूंबा ने प्रधानमंत्री थेेरेसा मे को पत्र लिखा है और जेबीसीसीसी की तरफ से अधिकारिक माफी मांगने का आग्रह किया है। जेबीसीसीसी की अध्यक्षता सरदार बलबीर सिंह करेंगे। इस पैनल के सदस्य लेखक किश्वर देशाई, अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत नवतेज शर्मा, ब्रितानी सांसद विरेन्द्र शर्मा और राकेश सिंह चड्ढा हैं।
देसाई ने कहा कि अमृतसर के पार्टिशन म्यूजियम में आयोजित प्रदर्शनी का समर्थन कर रहे हैं। इसी तरह की प्रदर्शनी का आयोजन मैनटचेस्टर, लंदन और बरमिंघम में अप्रेल में आयोजित किया जाएगा। ऐसी ही प्रदर्शनी का आयोजन भारत व पंजाब के अन्य शहरों में आयोजित करने का आग्रह किया गया है।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने साल 2013 में अमृतसर के जलियावाला बाग की यात्रा की थी और उन्होंने इसे बेहद शर्मनाक आयोजन करार दिया था। उन्होंने माफी मांगने से इन्कार करते हुए कहा कि जो वास्तव में हुआ है उसकी जानकारी हासिल करना, बीते को दोबारा दोहराने के लिए, जो हुआ उसके लिए उसकी सम्मान और समझ जरुरी है।