ईरान ने बुधवार को कहा कि “राष्ट्रीय सुरक्षा सलहाकार जॉन बोल्टन के इस्तीफे के बाद वांशिगटन को युद्धोत्तेजक से दूरी बनाकर रखनी चाहिए और तेहरान अपनी स्थिति पर कायम है कि वार्ता से पहले प्रतिबंधो को हटाना होगा।” ईरान पर जॉन बोल्टन का रवैया कट्टर था और दोनों पक्षों के बीच एक साल से अधिक समय से तनाव जारी है।
बोल्टन के इस्तीफे से ईरानी नीति में कोई बदलाव नहीं
राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को कहा कि “अमेरिका को यह समझना चाहिए कि उन्हें अब युद्धोत्तेजक से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। हमारे दुश्मन अमेरिका की अताधिक दबाव की नीति के लिए ईरान की विरोध की नीति में कोई बदलाव नहीं आयेगा।”
बीते वर्ष, अमेरिका ने ईरान और वैश्विक ताकतों के बीच अंतररष्ट्रीय संधो को तोड़ दिया था जिसके तहत ईरान परमाणु कार्यक्रम को रोक देगा। वांशिगटन ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का किया यह समझौता काफी कमजोर है क्योंकि अधिकतर बिंदुओ की समयसीमा एक दशक में खत्म हो चुकी है और यह गैर परमाणु मामलो को शामिल नहीं करता है जैसे ईरान का मिसाइल कार्यक्रम और क्षेत्रीय व्यवहार शमिल है।
व्हाइट हाउस अधिकतम दबाव की नीति का पालन करेगा इसमें ईरानी तेल निर्यात को खत्म करने के प्रतिबन्ध भी शामिल है और कहा कि यह हमारा लक्ष्य है कि एक नए कठोर समझौते के लिए ईरान को वार्ता की टेबल पर लाये। बोल्टन की बर्खास्तगी के बाद राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने कहा कि ट्रम्प, रूहानी से आगामी बैठक में बगैर किसी शर्त के मुलाकात को तैयार है।
ईरान ने प्रतिबंधो को हटाने से पहले वार्ता करने की पेशकश को ख़ारिज कर दिया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि “बोल्टन की बर्खास्तगी उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं करेगी। ट्रम्प प्रशासन से बोल्टन को निकाले जाने से अमेरिका ईरान को वार्ता पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है।”
विदेश मन्त्री जावेद जरीफ ने बोल्टन की बर्खास्तगी के बावजूद नए प्रतिबंधो को थोपने की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “विश्व व्हाइट हाउस से एक कट्टरपंथी की बर्खास्तगी पर राहत की सांस ले रहा है, वांशिगटन ने तेहरान के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद के नए तनाव का ऐलान किया है। जंग की प्यास, अधिकतम दबाव युद्ध के युद्धोत्तेजक बोल्टन के साथ बाहर जाना चाहिए।”
ज़रीफ़ ने कहा कि “कथित बी टीम ट्रम्प को तेहरान के साथ संघर्ष में घसीट देगी। अमेरिका ने मंगलवार को व्यापक आतंकवादियों और उनके समर्थको पर प्रतिबंधो का ऐलान किया है। फ्रांस ने ईरान को अरबो रूपए के क्रेडिट लाइन का प्रस्ताव दिया था जो तेंरह को अमेरिका के प्रतिबंधो से राहत देता हालाँकि ऐसे किसी भी समझौते को ट्रम्प प्रशासन की मंज़ूरी चाहिए।